Rochak Hindi Blog

नार्मल डिलिवरी के लिए पांच आसान उपाय...

सिजेरियन के बाद बहुत ज्‍यादा देखभाल की जरूरत पड़ती है, और अगर सही से देखभाल न कि गई तो यह आपके लिए ही खतरा बन सकता है। इसलिए जहां तक संभव हो नॉर्मल डिलिवरी ही करवानी चाहिए। इससे आपका शरीर भी ठीक रहता है और आपको कम खतरों का सामना करना पड़ता है।नार्मल डिलिवरी सिजेरियन डिलिवरी से ज्‍यादा सही होती है। क्‍योंकि सिजेरियन डिलिवरी करवाने पर स्‍ट्रैच मार्क्‍स आते है। साथ ही सिजेरियन डिलिवरी के बाद कई बातों का ध्‍यान रखना पड़ता है। जबकि नार्मल डिलिवरी में ऐसी कोई भी बड़ी समस्‍या नहीं आती। इसलिए ज्‍यादातर गर्भवती महिलाएं सिजेरियन डिलिवरी नहीं, बल्कि नार्मल डिलिवरी करवाना पसंद करती हैं।

कैसे हो नार्मल डिलिवरी

1.    शरीर में पानी की कमी से बचें

आपके गर्भाशय में शिशु एक तरल पदार्थ से भरी हुई झोली एमनियोटिक फ्लयूड में रहता है। जिससे बच्‍चे को ऊर्जा मिलती है। इसलिए आपके लिए रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पीना बहुत जरुरी है। इससे आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होती।

आंवला एक फायदे हैं अनेक...



कहते हैं बुजुर्गों की बात का और आंवले के स्वाद का पता बाद में चलता है। जी, आंवला बेहद गुणकारी है। इसलिए इसे हर मर्ज की दवा भी कहा जाता है। आंवला पाचन तंत्र से लेकर स्मरण शक्ति को दुरुस्त करता है। नियमित रूप से आंवले का सेवन करने से बुढ़ापा भी दूर रहता है। मधुमेह, बवासीर, नकसीर, दिल की बीमारी जैसी समस्याओं का इलाज आंवले में छिपा है। आइए हम आपको बताते हैं कि आंवला आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है।

आंवले का सेवन करने के फायदे

  • आंवला विटामिन-सी का अच्छा स्रोत होता है। एक आंवले में 3 संतरे के बराबर विटामिन सी की मात्रा होती है।
  • आंवला खाने से लीवर को शक्ति मिलती है, जिससे हमारे शरीर में विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकलते हैं।
  • आंवला का सेवन करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
  • आवंले का जूस भी पिया जा सकता है। आंवला का जूस पीने से खून साफ होता है।
  • आंवला खाने से आंखों की रोशनी बढती है।
  • आंवला शरीर की त्वचा और बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
  • सुबह नाश्ते में आंवले का मुरब्बा खाने आपका शरीर स्वस्थ बना रहता है।
  • diabetes in hindi
      

आंवला खाने से बीमारियों में फायदा –

मधुमेह 

डायबिटीज के मरीजों के लिए आंवला बहुत फायदेमंद होता है। मधुमेह के मरीज हल्दी के चूर्ण के साथ आंवले का सेवन करे। इससे मधुमेह रोगियों को फायदा होगा ।

डार्क सर्कल हटवाने के लिए महिला ने करायी थेरेपी, गुब्बारे जैसी सूज गयी आंखें...

सुन्दर दिखने की चाह में कुछ लोग किसी भी हद तक गुज़र जाते हैं. प्राकृतिक सुंदरता का इस ज़माने में कोई मोल नहीं है. प्लास्टिक सर्जरी, इम्प्लान्ट्स, करेक्टिव सर्जरी और ना जाने क्या-क्या उपाय अपना कर लोग छलावे की खूबसूरती की तरफ़ क़दम बढ़ा रहे हैं. अब डॉक्टरों ने डार्क-सर्कल्स हटाने के लिए एक नयी तकनीक विकसित की है.


इस तकनीक को कार्बोक्सी इंजेक्ट थेरेपी कहा जाता है. स थेरेपी में स्किन के अन्दर कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस इंजेक्ट की जाती है. स्पा और क्लिनिक इस थेरेपी को सही बताते हैं. उनका मानना है कि ये ट्रीटमेंट दर्द भरा नहीं होता. जब गैस आंखों ने निचले हिस्से में इंजेक्ट की जाती है, तो क्लाइंट को बस हल्की टीस का अनुभव होता है.

घरेलू नुस्खे : स्थायी रूप से कैसे दूर करे पैरों के बाल...



महिलाओं को अपने लंबे खूबसूरत पैरों को जितना संभव हो सके उतना और अधिक आकर्षक बनाना चाहती हैं। गर्मियों के मौसम में शॉर्ट्स पहनना हो या किसी खूबसूरत ड्रेस को के साथ किसी पार्टी में शिरकत करनी हो, आकर्षक और साफ पैरों की चाहत हम सभी को होती है। इस आर्टिकल में आपको अपने पैरों को बालों को स्थाई रूप से निकालने के लिए कुछ उपाय मिलते हैं। अनचाहे बाल हटाना (anchahe baal hatana) आसान नहीं होता पर पैरों से बाल हटाने के नुस्खे पूरी तरह से प्राकृतिक और घरेलू हैं, जिसे आप घर पर ही कर सकते हैं।
महिलाओं को शरीर में बालों का ज़्यादा बढ़ना पसंद नहीं होता। और आज की व्यस्त जीवनशैली में इन बालों को नियमित रूप से साफ करना भी संभव नहीं होता। आप इन अनचाहे बालों को कम करने के लिए कुछ प्राकृतिक उपायों की मदद ले सकते हैं जो सुरक्षित और असरदार है।

कच्चे पपीते से हटाएँ पैरों के बाल (Homemade hair remover Crude Papaya)

पपीते में मौजूद तत्व पपैन (papain) होता है जो त्वचा के रोम और बालों को तोड़ कर इनके विकास को कम करता है। खासकर पपीता संवेदनशील त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है।
इसके लिए आपको इन चीजों की आवश्यकता होती है, ¼ चम्मच पपीते का चूर्ण या 1 चम्मच पपीते के गोंद (पपीते से निकलने वाला लसलसा पदार्थ), ¼ चम्मच बेसन, ¼ चम्मच सरसों, 2 चम्मच सरसों का तेल और 2 बूंद एसेंशियल ऑइल (Essential oil).
पपीते का गोंद निकालने के लिए कच्चे पपीते को छिलकर टुकड़े कर लें। अब इन टुकड़ों से गोंद की तरह का पदार्थ निकल कर आता है, इस गोंद में आप ऊपर दी गई सभी चीजों को मिलाकर मिश्रण बना लें। और इसे अपने पैरों पर लगाए। इस मिश्रण को अपने बालों के बढ़ने की विपरीत दिशा की ओर ले जाते हुये लगाएँ और 15 मिनट तक लगा रहने दें और सूखने के लिए छोड़ दें। मसलीन का एक कपड़ा या वेक्स स्ट्रिप की मदद से इसे पैरों पर लगा लें। जब ये मिश्रण सूखने लगे तब आप बालों के बढ़ने की विपरीत दिशा की ओर खींच कर कपड़े को निकाल लें। पानी से पैरों को धो लें और अंत में किसी अच्छे बेबी ऑइल (Baby oil) या जैतून के तेल (Olive oil) से हल्की मसाज करें।

कुछ लोगों को होता है सर्दी में गर्मी, और गर्मी में सर्दी का एहसास… क्या आप भी उनमें से एक हैं?...



दोस्तों सर्दियों में ठण्ड का एहसास होना लाज़मी है, लेकिन कुछ लोगों को गर्मी में भी सर्दी का एहसास होता रहता है. मगर कुछ लोगों को हमेशा गर्मी लगती रहती है, चाहे फिर मौसम सर्दी का ही क्यों न हो. आपने भी अपने आस-पास ऐसे लोगों को देखा होगा जो चिलचिलाती गर्मी में भी हाय ठण्ड, हाय ठण्ड करते होंगे.


तो चलिए हम आज आपको ये बताते हैं कि आख़िर इसके पीछे कारण क्या है?

अगर आपको अचानक ही ठंडक का या बुख़ार का एहसास होने लगे, जबकि आपके कमरे या बाहर के तापमान में कोई बदलाव नहीं हुआ हो, तो इसका सीधा मतलब है कि जल्द ही आप बीमार पड़ने वाले हैं. और अगर फिर भी कोई दोराय हो कि यह तो होता रहता है अब इसके लिए क्या किया जा सकता है, तो ये सोचना एकदम गलत है – बल्कि आपको बिना एक भी पल गंवाये सीधे डॉक्टर के पास जाना चाहिए.



एक्सरसाइज़ नहीं करोगे तो सिकुड़ने लगेगा दिमाग. ये हम नहीं, साइंस कहती है....


एक नए अध्ययन में सामने आया है कि अगर आप एक्सरसाइज़ नहीं करते तो कुछ सालों बाद आपका मस्तिष्क (ब्रेन) औरों की तुलना में छोटा रह जाता है. दूसरे शब्दों में कहें तो सुस्त जीवनशैली वाले लोगों का मस्तिष्क समय से पूर्व ही थक जाता है.

30 से 40 वर्ष के स्त्री-पुरुषों को इस अध्ययन में शामिल किया गया था. इस दौरान ट्रेडमिल को उनकी फिटनेस आंकने के लिए इस्तेमाल किया गया. इस दौरान पाया गया कि जो लोग कम फिट हैं, उनके दिल की धड़कन फिट लोगों की तुलना में ज़्यादा तेजी से बढ़ी.
 
20 साल बाद 2000-2001 में इस अध्ययन में हिस्सा ले चुके सभी स्त्री-पुरुषों को दोबारा फिटनेस टेस्ट के लिए बुलाया गया. इस बार उन सभी का एमआरआई भी किया गया. रिपोर्ट में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. जो लोग कम फिट वाली कैटेगरी में थे, उनके ब्रेन का साइज़ फ़िट लोगों की तुलना में छोटा था. जिन लोगों का पहले टेस्ट के दौरान हार्ट बीट रेट ज़्यादा था, उनके ब्रेन अपेक्षाकृत छोटे पाए गए.
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि हाई ब्लड प्रेशर वाले पुरुष और महिलाएं ब्रेन के सिकुड़ने के प्रति ज़्यादा संवेदनशील होते हैं. यह सुस्त जीवन का संकेत है.
 
अध्ययन के मुताबिक, जो लोग 20 प्रतिशत तक कम फिट थे, वे ऑक्सीज़न की कम खपत कर पा रहे थे, उनका हार्ट बीट रेट सामान्य से 17 बीट ज़्यादा था और ब्लड प्रेशर सामान्य से 14 प्वाइंट ज़्यादा था. हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि यह शोध बड़े स्तर पर नहीं किया गया है, इसलिए इन परिणामों से एक ये सलाह मिलती है कि जीवन के मध्य के वर्षों में फिटनेस का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है, खास तौर पर उनके लिए जो पहले से ही दिल की बीमारियों के लिए ज़्यादा संवेदनशील हैं.
इस स्टडी ने आखिरकार साबित कर दिया है कि स्वस्थ मस्तिष्क के लिए स्वस्थ शरीर की ज़रूरत होती  है, जो कि एक्सरसाइज़ से मिल सकता है. बात मानो और एक्सरसाइज़ करना शुरू कर दो, नहीं तो देख लेना, आपका दिमाग भी छोटा रह जाएगा.

अगर आपको हर छोटी बात पर दवाइयां लेने की आदत है तो आप और भी बीमार पड़ सकते हैं....

अगर आप ज़ुकाम, पेट दर्द या फिर ज़रा सी तबियत खराब होते ही दवाइयां लेने के आदती हैं तो आपको संभल जाना चाहिए, क्योंकि इससे बड़ी बीमारियां होने का रिस्क बढ़ जाता है. एंटिबायोटिक्स और एस्पिरीन जैसी दवाएं लोग अक्सर ही ले लेते हैं, जो तुरंत आराम तो देती हैं, लेकिन कई तरह से प्रभावित भी करती हैं. इनके अलावा ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए ली जाने वाली दवाएं भी कई साइड इफेक्ट छोड़ती हैं. अचरज तो इस बात का है कि आपका डॉक्टर भी आपकी सेहत से जुड़ी इन बातों से आपको अलर्ट नहीं करता. हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे सेहत से जुड़े तथ्य, जिन्हें जानना बेहद ज़रूरी है.

1. दवाइयों से डायबिटीज़ बढ़ती है

अक्सर डायबिटीज़ शरीर में इंसुलिन की कमी होने से पैदा होती है. लेकिन कम लोग यह जानते हैं कि कुछ खास दवाइयों के असर से भी शरीर में डायबिटीज होती है. इन दवाइयों में मुख्यतः एंटी डिप्रेसेंट्स, नींद की दवाइयां, कफ सिरप तथा बच्चों को एडीएचडी (अतिसक्रियता) के लिए दी जाने वाली दवाइयां शामिल हैं. इन्हें दिए जाने से शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है और व्यक्ति को मधुमेह का इलाज करवाना पड़ता है.
 2. बिना वजह लगाई जाती हैं कुछ वैक्सीन
वैक्सीन लोगों को किसी बीमारी के इलाज के लिए लगाई जाती है. परन्तु कुछ वैक्सीन्स ऐसी हैं, जो या तो बेअसर हो चुकी हैं या फिर वायरस को फैलने में मदद करती हैं. जैसे कि फ्लू वायरस की वैक्सीन. बच्चों को दी जाने वाली वैक्सीन डीटीएपी केवल बी.परट्यूसिस से लड़ने के लिए बनाई गई है, जो कि बेहद मामूली बीमारी है. परन्तु डीटीएपी की वैक्सीन फेफड़ों के इंफेक्शन को आमंत्रित करती है, जो दीर्घकाल में व्यक्ति की इम्यूनिटी पॉवर को कमज़ोर कर देती है.
 

आयुर्वेद थेरेपी के लिए यही है सबसे अच्छा समय, जानिए कौन-सी है आपके लिए बेस्ट...



बारिश की बूंदे जहां मौसम सुहावना कर गर्मी से राहत दिलाती हैं वहीं, इसके साथ स्किन और बालों से जुड़ी कई परेशानियां भी हमारी ज़िंदगी में दस्तक देती हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि स्किन को डिटॉक्स करने का ये परफेक्ट मौसम होता है. आयुर्वेद की मानें तो मॉनसून एक ऐसा मौसम है जब आप थेरेपीज़ का पूरा फायदा उठा सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि नमी से भरे इस मौसम में धूल-गंदगी ना के बराबर होती है. ऐसे में पोर्स अच्छी तरह ओपेन हो जाते हैं, जिससे बॉडी किसी तरह के हर्बल ऑयल्स को अच्छी तरह सोख लेती हैं. इसके अलावा, मौसम में मौजूद नमी टिश्यूज़ को सॉफ्ट बनाने में भी मदद करती है.
यकीनन ये जानने के बाद आपने मन ही मन एक अच्छी सी थेरेपी लेने का प्लैन कर लिया होगा. लेकिन इससे पहले की आप कोई भी प्लैन बनाएं यहां जाने बेस्ट आयुर्वेद थेरेपीज़ के बारे में और अपनी ज़रूरत के हिसाब से चुनें बेस्ट थेरेपी.
अपनाएं आयुर्वेद डाएट
बारिश के मौसम में अक्सर चाय के साथ पकौड़ा और समोसा खाकर ही हमारा मन भर जाता है और हमें भूख कम लगती है. ऐसे में हमारे शरीर में पित्र दोष बढ़ जाता है जिसे आप काली मिर्च और अदरक जैसे मसालों से बैलेंस कर सकती हैं. ये डाइजेशन में भी मदद करते हैं. इसके अलावा खट्टे-मीठे, नमकीन, आसानी से डाइजेस्ट होने के साथ-साथ जिनमें काफी कम मात्रा में फैट मौजूद हो ऐसे फूड को आयुर्वेद सही मानता है और खाने की सलाह देता है.
पंचक्रमआयुर्वेद थेरेपी के लिए यही है सबसे अच्छा समय, जानिए कौन-सी है आपके लिए बेस्ट
हमारे शरीर में काफी मात्रा में टॉक्सिन्स इकठ्ठे हो जाते हैं और ये मुलायम त्वचा और मजबूत बालों के लिए रूकावट का काम करते हैं. ये थेरेपी आपको इन टॉक्सिन्स से छुटकारा दिलाने में मदद करेगी. जैसा कि नाम से ही पता चलता है ये एक ऐसी थेरेपी है जिसमें पांच थेरेपीज़ मौजूद होती हैं, जो बॉडी में मौजूद हर तरह के टॉक्सिन्स को खत्म कर आपको देती हैं स्मूद स्किन.

सेलिब्रिटीज़ के इन 9 अजीबोगरीब और घिनौने ब्यूटी ट्रीटमेंट्स के बारे में जानकर दंग रह जायेंगे आप...



सेलेब्स की सुन्दर दमकती त्वचा सभी को आकर्षित करती है, पर इसके पीछे केवल महंगा मेक-अप ही नहीं होता. इनकी खूबसूरती का राज़ जान कर यकीनन आप हैरत में पड़ जायेंगे. आज हम आपको दुनिया की कुछ ऐसी ही अजेबोगारीबी Beauty Therapies के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें हॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ भी अपनाते हैं.

1. Bite Massage


 

हॉलीवुड सेलिब्रिटी Katy Perry, Therapist Dorothy Stein से ‘Bite Massages’ लेती हैं. ये एक अजीब तरह की मसाज होती है, जिसमें थेरेपिस्ट थेरेपी लेने वाले के शरीर को अपने दांतों से काट-काट कर मसाज देता है.


2. अपने ही खून से Facial कराना

Kim Kardashian West कुछ दिन पहले एक अजीब Facial कराने के लिए चर्चा में थीं. इस Facial में, Facial करवाने वाले के शरीर से खून निकाल कर उसके चेहरे में इंजेक्ट किया जाता है.

आपके शरीर से संबंधित ये 10 फ़ैक्ट्स सच नहीं, मिथ्या हैं...



इंसान का शरीर अपने आप में एक बहुत बड़ी पहेली है. शुक्र है विज्ञान का जिसने कई सवालों के जवाब तो दे दिए हैं, लेकिन अभी भी कई ऐसी भ्रांतियां हैं जिसे दुनिया सच मानती है. इसमें से कई मिथ पीड़ी-दर-पीड़ी हमें ट्रांसफ़र हो जाते हैं. इन्हें हम अपने जीवन में अपना ज़रूर सकते हैं, लेकिन विज्ञान के हिसाब से ये सत्य नहीं हैं. शरीर से जुड़ी कुछ ऐसी ही भ्रांतियों का सच हम आपके सामने ले कर आये हैं.

1. पास से टीवी देखने से आंखें खराब हो जाती हैं

बचपन में कितनी बार ही आपको मम्मी से डांट पड़ी होगी कि ‘इतनी पास से टीवी मत देखो! आंखें ख़राब हो जाएंगी’. मम्मी की चिंता जायज़ है, लेकिन ये सच नहीं है. सिर्फ़ सूर्य और लेज़र बीम से आने वाली रौशनी आपकी आंखों को हानि पहुंचा सकती है. टीवी की रौशनी से ऐसा नहीं होता. हां, वो बात अलग है कि बहुत देर तक पास से टीवी देखने पर आपकी आंखें थक ज़रूर जाएंगी.

2. शरीर का जोड़े चटकना आर्थराइटिस की निशानी है

हम जब भी टेंशन में होते हैं तो अपनी उंगली के जोड़े चटकाने लगते हैं. कई लोग मना भी करते हैं कि ऐसा करने से आर्थराइटिस हो जाएगा. लेकिन नहीं यार, ये आदत बुरी ज़रूर है, लेकिन इससे आर्थराइटिस नहीं होता है. मगर जो लोग लगातार ऐसा करते रहते हैं, उनके हाथ की पकड़ कमज़ोर पड़ जाती है और हाथों में सूजन सी आ जाती है.
 

सांसों की दुर्गन्ध‍ के इलाज के घरेलू नुस्‍खे...



 
सांस की बदबू से लोगों को अक्सर सामाजिक जगहों पर शर्मिंदा होना पड़ता है। सांस की बदबू (हैलाटोसिस) अक्सर मुंह एक बैक्टेरिया से होती है। इस बैक्टेरिया से निकलने वाले ‘सल्फर कम्पाउंड’ की वजह से सांस की बदबू पैदा होती है। जमी हुई श्लेष्मा और नाक और गले की नली, पेट और आंत की नली, मूत्र नली, रक्त में जमने वाले अन्य विषैले पदार्थों से भी सांस की बदबू उत्पन्न होती है।आप चाहें तो इससे छुटकारा पा सकती है। जानें सांसों की दुर्गंध से बचने के उपाय..
चिकित्सकों का मानना है कि मुंह की सफाई तब तक पूरी नहीं मानी जाती है जब तक जीभ की सफाई न हो। कई बार भोजन के बाद कुछ बारीक कण जीभ पर लगे रह जाते हैं जिन्हें अगर सही तरीके से साफ न करें तो भी सांसो से दुर्गंध आती है। ऐसे में ब्रश करते वक्त रोज जीभ को टंग क्लीनर से जरूर साफ करें जिससे सांसों की दुर्गंध और मुंह के संक्रमण से बचाव हो सके।
  • पार्सली की टहनियों को बारीक काटकर, दो से तीन लवंग या चौथाई चम्मच पीसे हुए लवंग को दो कप पानी में उबालें। इसे ठंडा होने पर दिन में कई बार माउथवॉश की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। पानी खूब पीयें और पेट को साफ रखें।

  • सौंफ़ एक मसाला है जो ज्यादातर खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाता है। सौंफ़ भी बुरी सांसों से छुटकारा पाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। एक छोटा चम्मच सौंफ़ बीज को ले और अपने मुंह में डालकर धीरे धीरे चबायें, इस मसाले में ताजा सांस देने के लिये रोगाणुरोधी गुण है। आप इलायची या लौंग जैसे अन्य प्रामाणिक मसाले का भी उपयोग कर सकते हैं।

  • अजमोद में क्लोरोफिल शामिल है, जो वास्तव में बुरी सांसों को नियंत्रित करता है। ताजा अजमोद पत्तियों का एक गुच्छा ले और सिरके में भिगो दें। दो से तीन मिनट तक पत्ते को चबायें और अपने मुँह में ताजगी महसूस करें। आप अजमोद रस भी बना सकते है, और आप कभी भी पी सकते हैं जब आप ताजगी महसूस करना चाहते हैं। अजमोद में अन्य लाभकारी कारक है जो पाचन और पेट की गैस में आराम पहुंचाता है।

  • चाय भी आपकी बुरी सांसों पर नियंत्रण में सहायता करता है। किसी भी तरह की चाय काली या हरी चाय में पॉलीफेनॉल्स यौगिक होता है जो बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है जो बुरी सांसों का कारण बनता है। चाय जो हमेशा आपकी रसोई घर में उपलब्ध होता है आसानी से बुरी सांसों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। आप नियमित एक कप चाय या हरी चाय पी सकते हैं और बुरी सांसों को हटा सकते हैं।

हल्दी के ये 10 फायदे जो देंगे आपको नेचुरल खूबसूरती...



शादी से पहले दूल्हे और दुल्हन को इसका लेप लगाने की परंपरा है. इसके साथ थोड़ा सा बेसन और दही मिलाकर लगाएं तो आपको भी मिल सकता है Angelina Jolie सा रूप-रंग.
ये सालों से सबसे आसानी से मिलने वाला भारतीय मसाला है, जो देता है ढेरों ब्यूटी फायदे. जी हां, हम बात कर रहें हैं हल्दी की, जो ना सिर्फ भारतीय खूबसूरती के लिए बल्कि आयुर्वेद के लिए भी एक बहुपयोगी इंग्रीडिएंट्स है. तो आप भी इसके फायदे जानिए और पाइए नैचुरल खूबसूरती.
1. कटने और जलने का है बेस्ट डॉक्टर –
हल्दी के ये 10 फायदे जो देंगे आपको नेचुरल खूबसूरती
अगर आपके चेहरे पर कहीं चोट लग गई है तो हल्दी से बेस्ट दवा कुछ नहीं. आपको बस ये करना है कि चोट वाली जगह पर थोड़ी सी हल्दी लगाए. बस और क्या? हो गया आपकी चोट का इलाज.
2. पिंग्मेंटेशन को घटाए – हल्दी चेहरे के दाग-धब्बों को दूर करती है और पिग्मेंटेशन और टैनिंग को भी कम करती है. हल्दी से चेहरे पर निखार आता है.
हल्दी के ये 10 फायदे जो देंगे आपको नेचुरल खूबसूरती
3. इसमें होती है एंटी-एजिंग प्रोटपर्टी – इस खासियत की वजह से हल्दी स्किन को फ्रेश रखने के साथ-साथ एंटी-एजिंग की निशानियों को भी कम करती है. चुटकी भर हल्दी को बेसन और दूध मिलाकर अपने चेहरे पर अच्छे से लगाएं और 15 मिनट बाद धो लें.

Women’s vaginal odor – How to get rid of bad vaginal odor? – महिलाओं में योनि की बदबू – कैसे दूर करें जननांगों की दुर्गंध?...



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महिलाओं के जननांग से हमेशा एक स्त्रियोचित गंध आती है जो समय समय पर स्त्राव और स्खलन (discharge) के कारण होती है। ये सामान्य लक्षण हैं पर यदि जननांग से मछली जैसी या सड़ी आक्रामक दुर्गंध आती है तो ऐसे में इसका उपचार करना बहुत आवश्यक है। दुर्गंध के कई कारण हो सकते हैं। कुछ खास तरह के बैक्टीरिया के पनपने से, फंगल इन्फेक्शन (Fungul infection), सफाई की कमी या किसी प्रकार का रोग जननांग से आने वाली दुर्गंध की वजह हो सकते हैं। पर कभी कभी कुछ खास दवाओं के प्रभाव से, किसी वॉशिंग पाउडर या डिटर्जेंट या बहुत ज़्यादा मसालेदार खाना भी योनि की गंध का कारण होता है। खासकर गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान भी हर समय महिलाओं की योनि से एक अजीब सी गंध आती है, पर यह किसी तरह से नुकसानदायक नहीं होते इनका मुख्य कारण प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में होर्मोंस का स्त्राव होता है और साथ ही योनि के आस पास की स्वेदग्रंथियां (sweat glands), जो ज़्यादा सक्रिय होने की वजह से अधिक पसीना उत्सर्जित करती है।
योनि में संक्रमण (vaginal infection) का मुख्य लक्षण जलन और खुजली के साथ जननांग से हल्के पीले या सफ़ेद रंग का बदबूदार स्त्राव होता है।
योनि में दुर्गंध एक शर्मिंदा करने वाला अहसास होता है जो किसी महिला के आत्मविश्वास को कम कर सकता है।
किसी भी महिला की योनि से बदबूदार स्त्राव का मुख्य कारण उन संवेदनशील अंगों में संक्रमण की वजह से होता है जो किडनी से जुड़ी समस्याओं के साथ हो सकता है। मूत्रमार्ग में किसी तरह का संक्रमण होने की वजह से भी जननांग से दुर्गंध आ सकती है। पर इन्हें किसी भी हालत में अनदेखा नहीं करना चाहिए। उचित खानपान और सही जीवनशैली के माध्यम से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। नीचे कुछ सामान्य उपाय दिये गए हैं जिनकी मदद से आप योनि के दुर्गंध (vaginal odor) को दूर कर सकतीं हैं,

अपने मोती जैसे दांतों को चमकता देखने के लिए बंद कर दीजिये इन 10 चीज़ों का उपयोग...



दोस्तों हम सुबह उठते ही सबसे पहले वाशरूम में जाकर अपना ब्रश हाथ में पकड़ते हैं. देखा जाए तो सुबह का सबसे पहला काम हम यही करते हैं. हमारा टूथपेस्ट, टूथब्रश, माउथवॉश जैसे डेंटल प्रोडक्ट्स अहम भूमिका निभाते हैं. दादी-मां के नुस्खों के साथ-साथ बाज़ारों में मिलने वाले डेंटल प्रोडक्ट्स आदि का इस्तेमाल हम अपने दांतों को चमकदार बनाने की लिए करते हैं. लेकिन तरह-तरह इन उत्पादों का प्रयोग हमारे दांतों के लिए कितना सही है, ये हम नहीं जानते. बस टीवी में एड देखकर उसके मॉडल के दांतों जैसी सुंदरता पाने के लिए बाज़ार से वो प्रोडक्ट खरीद लाते है.
आज हम आपको ऐसे ही कुछ प्रोडक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके हिसाब से दांतों के लिए बहुत फायदेमंद हैं, लेकिन असलियत कुछ और ही है.

1. इलेक्ट्रिक टूथब्रश



 

टूथब्रश हमारे दांतों को साफ़ करता है साथ ही दांतों पर जमा प्लाक भी हटाता है. देखा जाए तो इलेक्ट्रिक टूथब्रश दांतों के लिए काफी फायदेमंद हैं, बशर्ते उसको सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए. कुछ लोग इस तरह के ब्रश को यूज़ करते वक़्त उसको तेज़ी से प्रेस कर देते हैं, जिस कारण ब्रिसल्स मुड़ जाते हैं और फिर वो बेकार हो जाते हैं. जबकि ऐसे ब्रश को केवल अपने दांतों से छूनेभर से ये अपना काम यानि दांतों की सफाई शुरू कर देता है. इसलिए अगर आपको इलेक्ट्रिक टूथब्रश इस्तेमाल करना है, तो सबसे पहले डेंटल हाइजीनिस्ट से इसके इस्तेमाल का तरीका समझ लें.

2. वाइटनिंग टूथपेस्ट



 

आजकल मार्केट में कई तरह और ब्रांड्स के वाइटनिंग टूथपेस्ट आ गए हैं, जो दवा करते है कि उसके इस्तेमाल से आपके दांत ज्यादा सफ़ेद और चमकदार हो जाएंगे. लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं है, बल्कि इस तरह के टूथपेस्ट में कई तरह के केमिकल्स होते हैं, जो कुछ देर के लिए आपके दांतों पर एक परत चढ़ा देते हैं और सेंसिटिविटी छोड़ते हैं. वाइटनिंग टूथपेस्ट दांतों को काला करने का काम भी करते हैं क्योंकि इसके इस्तेमाल से मसूड़ों पर पीली परत जमा होती है, जिसके कारण दांतों का रंग धीरे-धीरे काला होने लगता है. इसलिए वाइटनिंग के चक्कर में अपने दांतों को ख़राब न करें.

ये हैं ऐसे 9 फायदे, जो केवल ज़मीन पर बैठ कर खाने से ही मिलते हैं...

पहले के ज़माने में जब टेबल कुर्सी नहीं हुआ करती थी, तब लोग पूरे परिवार के साथ मिलकर ज़मीन पर बैठ कर खाना खाते थे. जबकि आज टेबल और कुर्सी पर बैठ कर खाना खाने का नया चलन बन गया है. लेकिन क्या आपको पता है कि ज़मीन पर बैठ कर खाना खाने से आपकी हेल्थ अच्छी रहती है?

1. आप सिर्फ़ ज़मीन पर बैठते ही नहीं हैं, योग भी करते हैं


 

खाना खाते समय जैसे हम ज़मीन पर पालथी मारकर बैठते हैं, उसे योग की भाषा में सुखासन या पद्मासन भी कहा जाता है. तो अगर आप ज़मीन पर बैठ कर खाना खाते हैं, तो आप सिर्फ खाना ही नहीं खा रहे बल्कि योग भी कर रहें हैं. इस स्थिति में आपका दिमाग शांत होता है और पीठ के निचले हिस्से में दबाव पड़ता है, जिससे आपका शरीर भी तनाव मुक्त हो जाता है.

2. आपकी पाचन शक्ति बेहतर होती है


 

जब हम बैठी हुई मुद्रा में भोजन करने के लिए आगे झुकते और फिर अपनी स्थिति में वापस जाते हैं, तो पाचनतंत्र ज़्यादा सक्रिय हो जाता है जिससे खाना जल्दी और पूर्ण रूप से पचता है.

3. आपका शरीर ताकतवर और लचीला बनता है


 

जब आप पद्मासन की मुद्रा में बैठते हैं, तो आपके पेल्विस, पीठ के निचले हिस्से और पेट पर खिंचाव पड़ता है जिससे आपके शरीर का दर्द और बेचैनी दूर होती है. इन महत्वपूर्ण मांसपेशियों पर रोज़ खिंचाव पड़ने से आपका शरीर लचीला बनता है और आप फिट रहते हैं.

ये 10 तरीके आपको टी.बी. होने से बचा सकते हैं...

बीमारी कब हो जाये, कैसे हो जाये, कुछ नहीं कहा जा सकता है. लेकिन अगर आप ख़ुद का ध्यान रख रहें हैं, लगातार परहेज कर रहे हैं, तो आपका बीमार होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. आज World TB Day है. हम यहां कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिनसे टी.बी. होने से बचा जा सकता है.

1.खांसी का रखें ध्यान

ठंडा पानी पीने से आपको खांसी हो सकती है. इसीलिए पसीना आने के बाद तुरंत ठंडा पानी न पिएं.

2. लहसुन का सेवन रखें जारी

लहुसन कीटाणुनाशक है. ये एंटीबायटिक औषधियों का एक अच्छा विकल्प है. कच्चा लहसुन खाने से कभी टी.बी नहीं होता, साथ में आपका दिल भी स्वस्थ रहता है.

3. खान-पान का रखें खास ध्यान

टी.बी. होने से ख़ुद को बचाना चाहते हैं, तो सबसे पहले कैल्शियम, रेशों और प्रोटीनयुक्त खाने का सेवन करना शुरू करें.

10 ऐसे देसी नुस्खे जो आपको पता ही होने चाहिए...


याद है वो दिन जब ज़बरदस्त गला खराब होने पर माँ देर तक खौलाई हुई अद्रक की चाय बना के ले आती थीं? बस थोड़ी ही देर में गले को आराम मिल जाता और माँ को ‘एक कप चाय और’ का ऑर्डर. भारतीय रसोई किसी फार्मेसी से कम नहीं. यहां आपको हर मर्ज़ की दवा मिल जाएगी. बस थोड़ी सी जानकारी होनी चाहिए. तो जानिए कुछ ऐसे नुस्खे जो आपकी दादी-नानी के समय से मशहूर हैं, और रहेंगे.

1. गर्म दूध और हल्‍दी

हल्‍दी एक मसाला ही नहीं, बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी हैं। सौंदर्य से ले कर त्‍वचा, पेट और सर्दी आदि के लिए भी हल्‍दी उपयोगी होती है। चोट-चपेट, दर्द या सर्दी जुखाम में बस एक कप गर्म दूध में दो-तीन चुटकी हल्दी मिलाकर पीने से आराम मिलता है.
  

2. अजवाइन और नमक

नमक-अजवाइन के पराठे तो सबको अच्छे लगते हैं लेकिन जब पेट खराब या बदहज़मी हो, तो बस आधा चम्मच अजवाइन एक चुटकी नमक के साथ फांके और बदहज़मी हटायें.

10 ऐसे उपाय जो आपको स्वाइन फ्लू होने से बचा सकते हैं...



मौसम में बदलाव आ रहा है दोस्तों. न ज़्यादा सर्दी, न ज़्यादा गर्मी आपकी त्वचा से लेकर सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. देश में स्वाइन फ्लू का ख़तरा लगातार बढ़ता जा रहा है. आपको ख़ुद ही इससे बचने के लिए पहल करनी होगी, क्योंकि अगर भाई तुम ख़ुद सही रहोगे तो ही तो दूसरों का ख़्याल रख पाओगे.

1. तुलसी के पत्ते

तुलसी के पांच पत्तों को सुबह धोकर खाने से आपके इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती है. इससे आप रोगों से तो दूर रहते ही हैं साथ में रोगी होने पर ये आपको एक नई ऊर्जा प्रदान करते हैं. इसके पत्ते फेफडे और गले के इंफेक्शन को दूर करते हैं.
 2. गिलोई
हरे-भरे इलाकों में पाया जाना वाला एक पौधा. गिलोई की एक फुट लंबी ट्हनी के साथ तुलसी के 7-8 पत्ते उबाल कर पी लेने से भी स्वाइन फ्लू से बचाव होता है. अगर आप इसमें थोड़ा काला नमक या मिश्री मिला लेते हैं तो ये बेस्वाद भी नहीं लगेगा.
3. कपूर
कपूर की सुगंध से ही बहुत से कीटाणु दूर भागते हैं जनाब. अगर महीने में एक-दो बार आप कपूर लेते हैं तो बहुत फायदेमंद रहेगा. जवान बंदे तो इसे पानी के साथ ले सकते हैं लेकिन बच्चों को आलू के भरते या फ़िर किसी फल के साथ दें. एक बात याद रखना जरूरी है, इसे प्रतिदिन न लें. क्योंकि इसकी तासीर ज़्यादा गर्म होती है.

इन 14 फ़ूड आइटम्स को खाने से आपकी सेक्स ड्राइव पर लग जाएगा ब्रेक...

भागती-दौड़ती ज़िन्दगी में समय की कमी और खान-पान में लापरवाही आपकी सेक्स लाइफ को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है. शायद यही कारण है कि बैडरूम में जाते ही पति-पत्नी मुंह फेर कर या फिर आज मूड नहीं है का बहाना बना कर सो जाते हैं. शायद अपने इस व्यवहार के लिए आप तनाव, थकान, नींद पूरी न होने को ही जिम्मेदार ठहराते होंगे. लेकिन ये सही नहीं है इसके पीछे सिर्फ कारण नहीं बल्कि आपका खान-पान भी काफी बड़ी भूमिका निभाता है. जी हां, एक रीसर्च में यह सामने आया है कि खाने-पीने की कुछ चीजें आपके हॉर्मोनल लेवल पर असर डालते हैं.

आइए अब जानते है 14 ऐसे फूड आइटम्स के बारे में जो आपकी सेक्स ड्राइव को कम करते हैं.

1. कोला


 

दोस्तों आजकल बिना कोला के आपका लंच या डिनर पूरा नहीं होता है न? लेकिन हम आपको बता दें कि कोला में आर्टिफिशल स्वीटनर्स पाये जाते हैं, जो सेरोटॉनिन के लेवल को प्रभावित करते हैं. सेरोटॉनिन हैपी हॉर्मोन होता है, जिसका संबंध सेक्स की इच्छा से होता है. तो अगर आप कोला को टाटा नहीं कहेंगे तो आपको सेक्स लाइफ को बाए-बाए जरूर कहना पड़ेगा.

2. एल्कोहल



 

ये तो सबको ही पता होगा कि ज्यादा शराब पीने से लिवर खराब हो जाता है, जो हॉर्मोन मेटाबलाइजिंग का काम करता है. लेकिन क्या आपको पता है कि अगर लीवर कमजोर होगा, तो यह ऐंड्रोजेन को ऑस्ट्रोजन में बदल देता है, जिस कारण धीरे-धीरे सेक्स की इच्छा कम होती जाती है. ऐसा नहीं है कि शराब से केवल पुरुषों की सेक्स करने की इच्छा कम होती है बल्कि जो महिलाएं एल्कोहल का ज्यादा सेवन करती हैं तो यह उनकी फर्टिलिटी पर भी बुरा असर डालता है.

3. प्रोसेस्ड फूड



 

आज मार्किट में तरह-तरह के कुकीज, बिस्किट्स मिलते हैं और खाने में भी बहुत स्वादिष्ट लगते हैं. लेकिन इनका ज्यादा सेवन भी सेक्स की इच्छा को कम करते हैं. इसका कारण यह है कि प्रोसेस्ड फ़ूड की प्रोसेसिंग में यूज़ होने वाली स्ट्रिप्स उसमें मौजूद पोषक तत्वों के साथ उन न्यूट्रिएंट्स को भी खत्म कर देती है, जो सेक्स की इच्छा बढ़ाते हैं.

ये 10 तथ्य प्रमाण हैं इस बात का कि प्राचीन भारत का चिकित्सा विज्ञान में नहीं था कोई सानी...



भारतीय वेदों और प्राचीन हस्तलेखों में भी धातुकर्म, बीजगणित, खगोल विज्ञान, गणित, वास्तुकला एवं ज्योतिष शास्त्र के बारे में सूचना थी और यह जानकारी उस वक्त से थी, जब पश्चिमी देशों को इनके बारे में पता तक नहीं था.
हम ज्ञान-विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, रसायन, भौतिक और खगोल के क्षेत्र में विश्व में सबसे आगे थे. विश्व के कई देश आज भी हमारे वेदों और ग्रंथों को पढ़ते हैं.
आज हम आपको ऐसे ही कुछ तथ्यों के बारे में बता रहे हैं जिनसे साबित होता है कि चिकित्सा विज्ञान में प्राचीन भारत का कोई सानी नहीं था.
1. भारत दुनिया का आध्यात्मिक गुरू रहा है. माना जाता है गरुण पुराण में इतनी शक्ति है कि ये मृत शरीर में भी प्राण का संचार कर सकता है. यही करण है कि इसे संजीवनी विद्या के नाम से भी पहचाना जाता है. भारतीय आयुर्वेद की प्रणाली बेहद प्राचीन है, जिसका प्रमाण हमें धर्मग्रंथों में मिलता है.

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