Rochak Hindi Blog

रोज सुबह नमक का पानी पीने के हैं कई फायदे....

अगर आप स्‍वस्‍थ जीवन जीना चाहते हैं तो नियमित रूप से सुबह पानी में काला नमक मिलाकर पीना शुरू कर दें। अगर विश्‍वास नहीं हो रहा तो इस स्‍लाइड शो को पढ़ें।

नमक वाला पानी बनाने की विधि

एक गिलास हल्‍के गर्म पानी में एक तिहाई छोटा चम्‍मच काला नमक मिलाकर 24 घंटे के लिये छोड़ दें। 24 घंटे के बाद देखिये कि क्‍या काले नमक का टुकड़ा (क्रिस्‍टल) पानी में घुल चुका है। उसके बाद इसमें थोड़ा सा काला नमक और मिलाइये। जब आपको लगे कि पानी में नमक अब नहीं घुल रहा है तो, समझिये कि आपका घोल पीने के लिये तैयार हो गया है।

नमक वाला पानी पीने के फायदे

अगर आपको स्‍वस्‍थ जिंदगी जीने की चाह है तो नियमित रूप से सुबह पानी में काला नमक मिलाकर पीना शुरू कर दें। जी हां, इस लिक्विड को सोल वॉटर कहते हैं, और इसे पीने से ब्‍लड शुगर, ब्‍लड प्रेशर, एनर्जी में सुधार, मोटापा और अन्‍य तरह की बीमारियां तुरंत ठीक हो जाती है। लेकिन नमक पानी लेते समय इस बात का ध्‍यान रखें कि इसमें आपको सादे नमक का प्रयोग नहीं करना है, अथवा यह फायदे की जगह आपको नुकसान पहुचायेगा। काले नमक में 80 मिनरल और जीवन के लिए जरूरी सभी आवश्यक प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं।
पाचन को दुरुस्‍त रखें
 पाचन को दुरुस्‍त रखें
अच्‍छे पाचन के लिए लार ग्रंथी का सक्रिय होना बहुत जरूरी होता है। और काले नमक वाला पानी मुंह में लार ग्रंथी को सक्रिय करने में मदद करता है। पेट के अंदर प्राकृतिक नमक, हाइड्रोक्लोरिक एसिड और प्रोटीन को पचाने वाले इंजाइम को उत्‍तेजित करने में मदद करता है। जिससे खाया हुआ भोजन टूट कर आसानी से पच जाता है। इसके अलावा, लिवर में भी एंजाइम को उत्‍तेजित होने में मदद मिलती है, जिससे खाना पचने में आसानी होती है।

इन तरीकों से करें बच्‍चे के पेनिस की सफाई...



बच्‍चों की पेनिस को साफ करने के लिए कुछ बातों को अवश्‍य ध्‍यान में रखना चाहिए। आइए इस स्‍लाइड शो के माध्‍यम से जानें कि बच्‍चों के लिंग की सफाई करने से पहले किन बातों को ध्‍यान में रखना चाहिए।

ऐसे करें बच्‍चे की पेनिस को क्‍लीन

बड़े हो या बच्‍चे सभी को अपने शरीर को सदैव साफ व स्‍वच्‍छ रखना चाहिए। शरीर के संवेदनशील अंगों को साफ और सूखा रखना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचा जा सकें। सभी महिलाएं इस बात को भली भांति जानती हैं कि बच्‍चों को जेनिटल संक्रमण से बचाने के लिए उसके प्राइवेट पार्ट की सफाई रखना बहुत जरूरी होता है। लेकिन बच्‍चे की पेनिस की सफाई का सही तरीका शायद सभी महिलाओं को पता नहीं है। एक्‍सपर्ट मानते हैं कि शरीर के अन्‍य हिस्‍सों की तरह समय-समय बच्‍चे की पेनिस की सफाई करना भी जरूरी होता है। पेनिस को साफ करने के लिए कुछ बातों को अवश्‍य ध्‍यान में रखना चाहिए। आइए इस स्‍लाइड शो के माध्‍यम से जानें कि बच्‍चों के लिंग की सफाई करने से पहले किन बातों को ध्‍यान में रखना चाहिए।
साफ करने का सही तरीका

साफ करने का सही तरीका

पेनिस के आस-पास की त्‍वचा बहुत संवेदनशील होती है जिसे बहुत देखभाल की आवश्‍यकता होती है। पेनिस की बाहरी स्किन को पानी से धोएं। ध्यान रहे कि फोरस्किन को जबरदस्ती पीछे ले जाने की कोशिश ना करें, इससे लिंग में दर्द, खुजली या खून बह सकता है। सफाई के लिए आप असुंगधित बेब वाइप्स इस्तेमाल कर सकती हैं। मुलायम साफ तौलिये या रुई के जरिये पानी से भी सफाई हो सकती है। इसके अलावा पानी में सौम्य बेबी क्लींजर मिलाकर भी त्वचा साफ की जा सकती है। इसके अलावा नैपी बदलते हुए और नहलाते समय, शिशु के लिंग और अंडकोष के आसपास के क्षेत्र को धो या पौंछ दें, ताकि वहां लगी गंदगी हट जाए।

नहाने के दौरान न करें ये काम, होगा नुकसान....



नहाने के दौरान न करें ये काम, होगा नुकसान
नहाने के दौरान हम अक्सर कई गलतियां करते हैं जो हमारी स्किन और बालों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन सकती हैं। ज्यादा देर तक शॉवर लेने से स्किन का मॉइस्चर कम होने लगता है और स्किन ड्राई हो जाती है। जल्दी झुर्रियां पड़ने की संभावना हो सकती है। तो आइए आज हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बताते हैं:-
बहुत गर्म या ठंडे पानी से नहाना
इसके कारण बालों और स्किन के टिश्यूज को नुकसान पहुंच सकता है। ये डैमेज हो सकते हैं। स्किन जल सकती है या सुन्न पड़ सकती है।
नहाने से पहले शेविंग या वैक्सिंग करना
इससे स्किन के पोर्स ज्यादा खुल जाते हैं और स्किन ड्राई हो जाती है। नहाने के बाद शेविंग करनी चाहिए।

हड्डियों को कमजोर कर देती हैं ये चीजें, रहें दूर...


हड्डियों को कमजोर कर देती हैं ये चीजें, रहें दूर
मजबूत और स्वस्थ शरीर के लिए मजबूत हड्डियां जरूरी हैं। लेकिन हमारी रोजना आदतों में कई ऐसी चीजें शामिल हैं जो हड्डियों को नुकसान पहुंचाती हैं। तो आइए आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताते हैं जिनसे परहेज करके हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ रखा जा सकता है।
ज्यादा नमक
 दिन भर में एक चम्मच से ज्यादा नमक खाने से शरीर से कैल्शियम यूरिन के जरिए बाहर निकल जाता है। इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
देर तक बैठे रहना या लेटना
इससे भी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, शरीर ज्यादा वजन भी नहीं उठा पाता। चलने-फिरने और एक्सरसाइज करने से हड्डियां मजबूत हो जाती हैं।


मामूली-सी दिखने वाली Sleeping Position खोलती हैं आपके व्यक्तित्व से जुड़े कई राज़....


सुबह ऑफिस जाते हुए या दोपहर में कॉलेज से लौटते वक्त आपने मन्दिर के पास कुछ किताबें बिछाये सड़क किनारे उस आदमी को तो देखा ही होगा, जो आपके हाथों की रेखाओं को देख कर आपके बीते कल के सभी झमेलों को खुली किताब की तरह आपके सामने रख देता है और आपके भविष्य को निर्धारित करती बातों को बताता है.
इतना सब करते हुए 100 रूपये तो आपकी जेब से मार ही जाता है और ये सब तो आप भी जानते हैं कि इन सभी बातों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता. आज हम आपको भी कुछ ऐसा ही बताने वाले हैं, डरिये मत हम आपकी जेब से कोई पैसा नहीं मार रहे और न ही आपके हाथों की रेखाओं को देख रहे हैं, बल्कि हम तो आपकी Sleeping Position के बारे में बात करने वाले हैं क्योंकि आपके सोने की पोजीशन में छिपा है एक रहस्य, जो आपके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ कहता है.

 

इस तरह सोने वाले ज़्यादा दोस्ताना होते हैं और लोगों से आसानी से दोस्ती कर लेते हैं.

 

इस पोजीशन में सोने वाले लोग रचनात्मक सोच वाले होते हैं.

कई घातक बीमारियां टल जाती हैं Blood Donation से, किसी चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, किसी दिल में सुकून...

ज़रूरी नहीं सारे खून के रिश्ते जन्म से ही हों. कुछ खून के रिश्ते रक्तदान से भी बनते हैं. ये रिश्ता इंसानियत का होता है. इसकी सच्चाई शायद किसी और रिश्ते से ज़्यादा होती है. वैसे तो ये रिश्ता हर कोई निस्वार्थ निभाता है, लेकिन फिर भी अगर आपने आज तक रक्तदान न किया हो तो आपको इसके कुछ फायदे बताते हैं.

1. खून का प्रवाह बेहतर होता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है


Source- Tasteforlife

रक्तदान करने से खून और बेहतर तरीके से प्रवाह होता है. इससे ब्लड वैसल्स की लाइनिंग कम डैमेज होती हैं और शरीर में आर्टरी ब्लॉकेज कम होती है. इस कारण रक्तदाताओं में हार्ट अटैक का खतरा 88% कम होता है. Loyola University Health System Blood Bank के निदेशक Phillip De Christopher ने बताया कि बाकी लोगों के मुकाबले रक्तदाता बहुत कम अस्पताल में भर्ती होते हैं. रक्तदाताओं को हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक और कैंसर का खतरा कम होता है.

2. कैलोरीज़ कम होती हैं


Source- Women Health

वजन घटाने का एक अच्छा तरीका रक्तदान भी है. एक बार ब्लड डोनेशन से 650 कैलोरी कम होती है. तीन महीने में एक बार आप रक्तदान कर सकते हैं.

अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए करें इन चीजों का इस्तेमाल...



आजकल के युवाओं को आजकल की तेज़ रफ़्तार में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं हालाँकि आजकल के युवा इस तेज़ रफ़्तार ज़िन्दगी में होने वाले तनाव से बचने के लिए कोई भी तरीका अपनाने के लिए तैयार होते हैं चाहे वो किसी तरह का नाश हो या शारीरिक सम्बन्ध !
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 आजकल के युवा किसी से भी इस तरह के सम्बन्ध बनाने में गुरेज नही करते हैं और फिर अनचाही प्रेग्नकय से बचने के लिए भी वी तरह तरह के तरीके अपनाते हैं ! इससे बचने के लिखे बाजार में बिभिन्न तरीके मौजूद हैं !
लेकिन हर चीज़ सही नही होती ! किसी भी चीज़ का अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए प्रयोग करना स्वास्थ्य और फर्टिलिटी के लिए हानिकारक हो सकता है ! इसी लिए इनका सोच समझ और जान कर ही प्रयोग करें और उन्ही तरीकों का प्रयोग करें जो आपको सूट करें !

इमरजेंसी टेबलेट्स

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बर्थ कण्ट्रोल और इमरजेंसी टेबलेट्स को सेफ मानते हैं ! इनके दो प्रकार होते हैं -प्रोजेस्टेरोन ओनली और एस्ट्रोजन-प्रोजेस्टेरोन या कॉम्बिनेशन पिल्स !इन्हें 48 -50 साल की उम्र तक लिए जा सकता हैं ! और इन्हें पीरियड्स के समय ही लेना चाहिए!

जानें थॉयराइड की दवा न लेने पर शरीर पर क्‍या पड़ते हैं प्रभाव...


थाइरायड की समस्या से ग्रस्त मरीजों के जीवन में दवा एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यह बताने की जरूरत नहीं है कि थाइरायड के मरीज रोजाना दवाओं का सेवन करते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिनके जहन में यह सवाल अकसर गोते लगाता है कि आखिर हम थाइरायड की दवा रोजाना क्यों खाए?
इसे जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा क्यों बनाया जाए? वास्तव में थाइरायड की दवा मरीज के बेहतर स्वास्थ्य के लिए तो आवश्यक है ही। इसके अलावा यदि थाइरायड के मरीज थाइरायड की दवा का रोजाना सेवन नहीं करते तो उन्हें विभिन्न किस्म की नई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में हम थाइरायड की दवा न लेने के नुकसान पर चर्चा करेंगे।
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 रक्तचाप
थाइरायड की दवा का सेवन न करने वाले या अनियमित करने वालों को यह बता दें कि थाइरायड की दवा के साथ खिलवाड़ करने का यह नतीजा हो सकता है कि रक्तचाप सम्बंधी समस्या आपके साथ खेल खेलने लगे। यह कभी कम तो कभी ज्यादा हो सकता है। कहने का मतलब यह है कि रक्तचाप की समस्या अनियमित हो सकती है।

बिकनी लाइन हेयर रिमूवल से जुड़े मिथक के बारे में जानें...



बिकनी लाइन के तरफ के बाल साफ करने से डरती हैं तो उनसे जुड़े मिथों के बारे में इस स्लाइडशो में जानें।

बिकनी लाइन

रेजर, लेज़र ट्रीटमेंट, टफ एंगल, संवेदनशील त्वचा… वगैरह-वगैरह। बिकनी लाइन के बालों के साथ ये तमाम बातें जुड़ी हुई हैं। कुछ महिलाओं को लगता है कि यहां रेजर नहीं करना चाहिए तो कुछ महिलाएं बिकनी लाइन त्वचा को अतिरिक्त संवदेनशील बताती हैं। यही कारण है कि बिकनी लाइन से बालों को निकालने के लिए बेहद सतर्क रहती हैं। कुछ प्लक पर भरोसा करती हैं तो कुछ वैक्स पर। बावजूद इसके त्वचा के साफ्ट और स्मूद रहने की गारंटी कोई नहीं दे पाता। वास्तव में सौंदर्य विशेषज्ञों का मानना है कि बिकनी लाइन के बालों को निकालने से कई किस्म के मिथ जुड़े हैं। इस लेख में हम इन्हीं सत्य को जानेंगे और मिथ पर से पर्दा उठाएंगे।
मिथ - बिकनी लाइन से बालों को निकालने के बाद बाल ज्याद मोटे और रफ आते हैं।
 मिथ – बिकनी लाइन से बालों को निकालने के बाद बाल ज्याद मोटे और रफ आते हैं।
यूं तो यह मिथ पूरे शरीर के बालों को साथ जुड़े हुए हैं कि शेव करने के बाद बाल ज्यादा रफ और मोटे हो जाते हैं। विशेषज्ञों स्पष्ट शब्दों में कहते हैं कि आप चाहें शेव करें या कुछ और। बालों के निकलने का छेद उतना ही रहेगा जितना उसका है। उसका डायमीटर कभी नहीं बदलता। अतः इस भ्रम से बाहर आएं कि बाल ज्यादा मोटे हो जाएं। यही बात बिकनी लाइन पर भी लागू होती है। आप चाहें वहां शेव करें या न करें बालों का डायमीटर उतना ही रहेगा, जितना कि मौजूदा समय में है। हालांकि यह सच है कि शेव के बाद बालों का अंतिम सिरा तुलनात्मक रूप से ज्यादा रूखा हो जाता है। लेकिन बालों के मोटापे का आकार नहीं बदलता। बिकनी लाइन में शेविंग के बाद महिलाओं को चाहिए कि वे क्लीन्ज़र का इस्तेमाल करें। मोएस्चराइजर लगाएं ताकि त्वचा साफ्ट, मुलायम रहे। किसी भी हार्श साबुन का इस्तेामल न करें।

दस दिनों में बालों को दोबारा कैसे उगायें....



बाल विकास की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने के लिए, मिनरल और विटामिन की नियमित आपूर्ति शरीर के लिए आवश्यक होती है। किसी भी आवश्यक मिनरल की कमी बाल विकास में बाधा उत्‍पन्‍न कर बालों के झड़ने का कारण बनती है। यहां इस समस्‍या से बचने के उपाय दिये गये है।

बालों के झड़ने की समस्‍या

खूबसूरत बाल व्‍यक्तित्‍व में निखार लाने के साथ-साथ अच्‍छी सेहत का आईना भी होते हैं। बालों का बेवक्त झड़ना किसी की भी नींद उड़ा सकता है। बालों के झड़ने की समस्‍या आज एक महामारी बन गया है, जिसने दुनिया भर के लगभग हर उम्र और लिंग के लोगों को प्रभावित किया है। बालों के झड़ने की समस्‍या आपके समग्र व्यक्तित्व और आत्मविश्वास को अचानक झटका दे सकता है।
बाल झड़ने के कारण

बाल झड़ने के कारण


जब बाल ऐनाजेन में प्रवेश करते हैं, तो बालों के विकास के चक्र का चरण, जिसे बालों के एक्टिव स्टेज के रूप में जाना जाता है, इसमें बालों की जड़ में कोशिकाएं तेजी से डाइविंग करना शुरू कर देती है। इस प्रकार से नए बालों का गठन होता है। बहुत से लोगों के बाल एक निश्चित अवधि में नहीं बढ़ते, और इसका मुख्‍य कारण कम सक्रिय चरण वृद्धि है। लेकिन अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्‍योंकि यहां दिये सुझावों की मदद से आपको 10 दिनों में अवरूद्ध बालों के विकास की प्रक्रिया में मदद मिलेगी।

जानें नींबू के छिलकों के दस फायदे...



Lemon
नींबू का रस तो गुणों से भरपूर होता है, लेकिन इसके छिलके भी गुणों से भरपूर होते हैं। यह बात दीगर है कि हम अकसर इन्हें बेकार समझकर कूड़े के डिब्बे में फेंक देते हैं। हमें यकीन है कि इस स्लाइड शो को पढ़ने के बाद आप नींबू के छिलकों का उपयोग करेंगे, न कि उन्हें अनुपयोगी मानकर एकतरफ कर देंगे।

बेकार नहीं हैं नींबू के छिलके

नींबू के फायदों के बारे में तो हम सब जानते हैं। तभी तो नींबू का रस हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा है। लेकिन, नींबू के छिलकों का क्या। उन्हें तो हम अकसर फेंक देते हैं। लेकिन, क्या आप नींबू के छिलकों के फायदों और पोषक गुणों के बारे में जानते हैं। हममें से अध‍िकतर लोग नींबू के छिलकों के गुणों से अनजान होते हैं। लेकिन, इसके छिलके भी कुछ कम नहीं। आइए जानते हैं इसके छिलकों के फायदों के बारे में।  image courtesy : getty images

हड्डियां बनाये मजबूत

हड्डियां बनाये मजबूत
नींबू के छिलके आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं। इसमें उच्च मात्रा में कैल्श‍ियम और विटामिन सी होता है, जो हड्डियों को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है। इसके अलावा यह हड्ड‍ियों से जुड़ीं बीमारियों जैसे ऑस्ट‍ियोपोरोसिस, रहेयूमेटॉयड अर्थराइटिस और इंफ्लेमेटरी पोलीअर्थराइटिस से भी बचाने में मदद करता है। 

पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम का घरेलू उपचारों से यूं करें उपचार...


पोलिसिस्‍टिक ओवरी रोग और पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम दोनों ही महिलाओं को प्रजनन के बीच एक सामान्य समस्या बनती जा रही है। यह स्थिति आमतौर पर हार्मोनल कारणों की वजह से जीवनशैली को प्रभावित करती है। पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण जानकर आप भी यह जान सकती हैं कि आप इस बीमारी से ग्रस्त हैं या नहीं। इस बीमारी के लक्षण बाल गिरना, मासिक धर्म में समस्या, भूख कम लगना, बांझपन आदि हैं।
हालांकि पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम की अच्छी बात यह है कि इसका इलाज आसानी से हो सकता है। आप आसानी से घर पर बैठकर इसका इलाज घरेलू उपचारों के मदद से कर सकते हैं। इस घरेलू नुस्खों में फिजिकल एक्सरसाइज (physical exercise) और लाइफस्टाइल के साथ इसका उपचार कर सकती हैं। लेकिन अगर आप पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम के दूसरे स्टेज पर पहुँच गई हो तो ऐसे में आपको हार्मोनल मेडिटेशन (hormonal meditation) की जरूरत पड़ सकती हैं। आप ऐसे में किसी चिकित्सक से इसकी जाँच करवाएँ। लेकिन अगर आप शुरुआती स्टेज पर हो तो ऐसे में आप घरेलू उपचारों की मदद ले सकते हैं। आइए आपको ऐसे ही कुछ घरेलू उपचारों की मदद से पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षणों से दूरी दिलाने में मदद करते हैं। इन उपचारों के साथ ही आपको एक्सरसाइज, बेहतर डाइट और स्वस्थ लाइफस्टाइल आदि को भी अपनाना होगा।

मेथी के बीज से पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम का उपचार (Fenugreek or methi seeds for treating PCOD)

मेथी के बीज से आप अपने इंसूलिन के स्तर को सामान्य कर सकती हैं। ऐसा करने से पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम का इलाज आसानी से हो जाता है। मेथी शरीर में ग्लूकोज टोलरेंस (glucose tolerance) को बढ़ाता है, जिससे हमारे शरीर का वजन कम हो जाता है और पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षणों को भी नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
आप चाहे तो मेथी को पानी मिलाकर उसका सेवन कर सकते हैं, या तो आप सीधे ही इसका सेवन कर सकते हैं। कई लोग मेथी के दानों को पूरी रात भिगोकर रख देते हैं, और फिर सुबह खाली पेट इन बीजों का सेवन कर लें। आप मेथी के पानी को दिन में तीन बार सेवन कर सकते हैं। पहले तो सुबह के समय, फिर दिन के दौरान और तीसरी बार रात के खाने से ठीक 5 मिनट पहले भी आप इसका सेवन कर सकते हैं। मेथी की पत्तियाँ चबाना भी काफी सहायक होता है।

महिलाओं के ब्रेस्ट फैट को कम करने के लिए घरेलू उपचार और एक्सरसाइज...

महिलाओं की खूबसूरती को बढ़ाने में ब्रेस्ट के साइज और शेप का मुख्य रोल होता है। जिस तरह से छोटे ब्रेस्ट होना समस्या बन जाती है, तो ऐसा ही ज्यादा बड़े ब्रेस्ट होने पर भी लगता है। यह केवल अजीब नहीं लगता बल्कि यह हमारे आत्मविश्वास पर नकारात्मक प्रभाव भी डालता है। इसी के साथ ज्यादा बड़े ब्रेस्ट होना भी आपके लिए काफी खतरनाक हो जाता है, इससे पीठ दर्द और स्पोंडिलोसिस (spondylosis) जैसी परेशानी भी हो सकती है। यह हमारे बैठने की मुद्रा को भी खराब कर सकता है। बड़े स्तन वाली महिलाओं के लिए उनके साइज के कपड़े मिलना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। अत्यधिक स्तन वसा से सेगिंग जैसी परेशानियां हो जाती हैं, जो कि महिला के फिगर को खराब कर देता है। इसलिए ब्रेस्ट के साइज को कम करना ही बेहतर विकल्प होता है।

ब्रेस्ट फैट क्या है और इसका उपचार कैसे किया जाएं? (What is breast fat and how to treat it)

ब्रेस्ट फैट एक संग्रहीत वसा है जो कि त्वचा की परत पर स्टोर होती है। इस संग्रहीत वसा को खाने से बचना चाहते है, तो आपको एक्सरसाइज के साथ ही अपनी डाइट का ख्याल भी रखना होता है। शरीर में हार्मोनल (hormonal) परिवर्तन, गर्भावस्था, स्तनपान और कुछ दवाओं का सेवन करने से ब्रेस्ट का साइज और शेप बढ़ सकता है। इससे बचने के लिए आपको बेहतर तरीके से एक्सरसाइज (exercise) करनी चाहिए। एक्सरसाइज करने का एक समय फिक्स कर लें। रोजाना एक्सरसाइज करने से ही आपकी बॉडी इस परेशानी से निजात पा सकेगी। जेनेटिक्स (Genetics) और मोटापा भी इसके अन्य कारण हो सकते हैं।
छाती को कम करने के उपाय, महिलाओं को अपने ब्रेस्ट के साइज को कम करने के लिए सही एक्सरसाइज करनी चाहिए। ऐसा करने के साथ ही उन्हें कम वसा वाले खाने का सेवन भी करना चाहिए। आप कुछ घरेलू उपचारों से भी वक्ष के साइज को कम कर सकती हैं। नीचे बताए गए घरेलू उपचार आपके शरीर के फैट (चर्बी) और फैटी टिशू (fatty tissue) को कम करते हैं। तो आज से ही अपने जीवनशैली में परिवर्तन कर अपनी फिगर को बदल लें।

पेट्रोल पंप पर ऐसे कटती है आपकी जेब, धोखे से बचने के लि‍ए रखें इनका ध्‍यान...

अक्‍सर हमें यह शिकायत रहती है पेट्रोल पंप पर कम तेल मिलता है। कई बार जाने अनजाने में हममे से ज्‍यादतर लोगों ने इस तरह का धोखा जरूर खाया होगा। हम आपको कुछ ऐसे कारणों के बारे में बताते हैं, जिसके चलते कई बार आपकी जेब को चपत लग जाती है। आप थोड़ी सी सावधानी से इस तरह की चपत लग जाती है। आप थोड़ी सी सावधानी से इस तरह की चपत से पार पा सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही तरीकों के बारे में…
ऐसे पंप पर जाने से बचें जहां भीड़ नहीं रहती हो
हमेशा पेट्रोल ऐसे पंप से भरवाएं जहां हमेशा चहल पहल रहती हो और कुछ लोग पेट्रोल भरवाने के लिए मौजूद हों। हमें सूने पंप पर पेट्रोल भरवाने से बचना चाहिए। अगर आप सूने पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरतवाते हैं, तो आपको पेट्रोल कम मिल सकता है। दरअसल ऐसे पंप की मशीन से पेट्रोल ले रहे हैं तो, नोजॅल में पेट्रोल आने से पहले वाली हवा आपकी गाड़ी की टंकी में भर जाएगी और आपको कुछ प्वाइंट्स का नुकसान हो जाए।

एक टुकड़े आलू से हटाएं डार्क सर्कल्स! जानें आलू के ऐसे और फायदे...


यहां जो हम आपको बताने जा रहे हैं, उसके बाद आपकी एक पसंदीदा चीज़ आपकी और भी फेवरेट हो जाने वाली है. जैसा कि हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि आपके घर के हर हिस्से में कोई ना कोई ऐसी चीज़ छुपी है जो आपकी खूबसूरती को बढ़ा सकती है.
ऐसी सबसे ज़्यादा चीज़ें छुपी हुई हैं आपके किचन में. किचन में ही मौजूद होते हैं आलू, जो लगभग सबकी पसंदीदा सब्जी होती है. और ये एक ऐसी सब्ज़ी है जो हर दूसरी सब्ज़ी के साथ अच्छी तरह घुलमिल कर एक बेहतरीन स्वाद देती है. लेकिन आलू के कुछ ऐसे फायदे भी हैं जिनके बारे में आपको शायद पता नहीं होगा.
आलू ऐसे कई न्यूट्रिएंट्स और गुणकारी तत्वों से भरा हुआ है, जो आपकी खूबसूरती बढ़ाने में और कई ब्यूटी प्रॉबलम्स को हल करने में मदद कर सकता है.
आगे जानिए ऐसे ही कुछ और फायदों के बारे में.
डार्क सर्कल्स –
एक टुकड़े आलू से हटाएं डार्क सर्कल्स! जानें आलू के ऐसे और फायदे
आलू में नैचुरल ब्लीचिंग प्रॉपर्टीज़ होती हैं, जो डार्क सरकल्स हटाने में मदद करती हैं. आलू को छीलकर उसके मोटे गोल टुकड़े काट लें और आखों पर रखें. 15-20 मिनट बाद गर्म पानी से धो लें. ऐसा रोज़ाना करें.

आपकी हथेलियों पर बनते आधे चांद का पूरा मतलब बहुत गहरा होता है...



ऐस्ट्रोलॉ़जी को आजकल बहुत लोग मानने लगे हैं. हस्तरेखा विज्ञान को लेकर आज शिक्षण संस्थानों में तमाम तरह की डिग्रियां करवाई जा रही हैं. इसी के कारण इसका महत्व भी बढ़ता जा रहा है. लोगों का इस विज्ञान में विश्वास बढ़ता जा रहा है. गौर करें, यहां हमारा मकसद किसी भी तरह का अंधविश्वास फैलाना नहीं है.
इसके अलावा कई धर्मों के पौराणिक ग्रंथों में इसका महत्व मिलता है कि हाथ देख कर भविष्य या फिर उससे जुड़ी हुई कई तरह की बातें बताई जा सकती हैं.


 

नीचे जो तस्वीर आपको दिख रही है उसमें एक Heart Line दिखाई गई है. ये Heart Line गर आपकी छोटी ऊंगली से लेकर पहली और दूसरी ऊंगली के बीच में जाकर खत्म होती है, तो ये आपके भविष्य के बारे बताती है.कई लोगों की हथेली पे आधा चांद बनता है, ठीक नीचे दिखाई गई तस्वीर की तरह.

किसान के घर जन्मे इस बच्चे को लोगों ने माना हनुमान, डॉक्टर बोले भ्रूण में फॉलिक एसिड की कमी...



आपने अपनी ज़िन्दगी में कभी ये ज़रूर सुना या पढ़ा होगा कि जो घटित हुआ है, उसकी चर्चा करना तर्क है और जो अनजान है, उसकी और बढ़ना आस्था है. धार्मिक गुरू कहते हैं, आस्था मनुष्य को तकलीफों से तुरन्त आराम मिलने का एहसास कराती है. शायद यही वजह है कि 21वीं सदी में भी हमें कुछ अजीब उदाहरण समाज में देखने को मिल जाते हैं.

 

रविवार को उत्तर प्रदेश के बीकेटी में राधेश्याम यादव के घर जन्मे एक अर्द्ध विकसित भ्रूण को लोगों ने हनुमानजी मानकर उनके घर को आस्था का केंद्र बना डाला. गांव वाले उनके घर पर जुटने लगे और उस भ्रूण की पूजा-अर्चना करनी शुरू कर दी. यहां तक कि लोग चढ़ावा भी चढ़ाने लगे.

अगर उपयोग करेंगे तांबे के बर्तन, तो शरीर रहेगा स्वस्थ और दिमाग चुस्त...



आपने पुरानी फिल्मों में राजा-महाराजाओं को तांबे के चमकीले बर्तन में पानी या फिर ‘सोमरस’ पीते तो देखा ही होगा. नहीं याद आ रहा, तो एक बार ‘मुगले आज़म’ या फिर ‘हातिम’ जैसी कोई फिल्म देख लेना. दरअसल, तमाम Researches से सामने आया है कि तांबे के बर्तन में पानी पीने वाले लोग ज़्यादा Healthy होते हैं और तांबे के Contact में रहने से आपके शरीर को स्वास्थ्य से जुड़े कई फायदे मिलते हैं. मतलब बुज़ुर्गों की कही गई बात, जिसे हमने बचपन में Ignore कर दिया था वो ग़लत नहीं थी. हालांकि यह बात कहने सुनने में कुछ कम Practical लगती है, लेकिन आयुर्वेद भी Copper के फायदों के बारे में समय-समय पर बताता आया है. GazabPost ने इन फायदों की एक List ख़ास आपके लिए तैयार की है. देख लो, क्योंकि सिर्फ़ Gym जाना ही काफ़ी नहीं होता.

1. यह दिमाग़ तेज़ करता है.



यकीन नहीं हुआ ना? Google कर लो. कहा जाता है कि रात को तांबे के पात्र में पानी रख दें और सुबह इस पानी को पिएं तो अनेक फायदे होते हैं. उन अनेक फायदों में से एक फायदा है ये. सुस्त दिमाग को खोलने के लिए आप चाय से ज़्यादा तांबे के बर्तन में रखे पानी पर निर्भर रह सकते हैं. पर ध्यान रहे कि पानी कम से कम 8 घंटों तक बर्तन में रखा गया हो.

प्राकृतिक तरीके से कैसे हटाएँ ठोड़ी से अनचाहे बाल?...

बहुत सी महिलाओं के चेहरे पर अत्यधिक संख्या में बाल दिखाई देते हैं और ऐसी कई महिलायें होती हैं जिनके चेहरे के बालों का रंग ज़्यादा गहरा होता है जिसकी वजह से दूसरों की अपेक्षा उनकी ओर सबका ध्यान अधिक जाता है और ऐसी स्थिति में आत्म सम्मान और आत्म विश्वास की कमी महसूस होती है। इस समस्या के निवारण के लिए हम इस आर्टिकल में ठोड़ी (chin) और ठोड़ी के ऊपर के बालों को हटाने के घरेलू उपाय पर चर्चा करेंगे इन प्राकृतिक उपचारों की मदद से आप ठोड़ी के अनचाहे बालों से मुक्ति पा सकते हैं।

ठोड़ी पर अनचाहे बालों का मुख्य कारण (Causes of unwanted hairs on chin)

शरीर पर लगने वाले इन अत्यधिक बालों की स्थिति को ‘हिर्सुटिज़्म’ (Hirsutism) कहते हैं। इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं जैसे,
  • रक्त में एंडरोजेन (Androgens) का अत्यधिक निर्माण
  • पॉलीसिस्टिक ओवरियन डिसऑर्डर (PCOD)
‘हिर्सुटिज़्म’ एक ऐसी अवस्था है जो पीढ़ी पर पीढ़ी हो सकती है, अर्थात यह अनुवंशानुगत रूप से प्रभावशाली होती है।

ठोड़ी और ठोड़ी के नीचे के अनचाहे बालों से छुटकारा के लिए हल्दी का प्रयोग (Turmeric to remove hair under chin)

पिछले कई वर्षों से भारत और चीन में हल्दी का प्रयोग उपचार के तौर पर किया जा रहा है। दवा के रूप में हल्दी के अनेक गुण है, आज हम यहाँ हल्दी (turmeric) के साथ दही (yogurt) को एक सरल उपचार के रूप में आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। दही और हल्दी को मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें और इसका प्रयोग ठोड़ी के बालों पर करें। अनचाहे बालों को हटाने के लिए हल्दी और दही के इस प्रयोग को कम उम्र से ही रोजाना नियमित रूप से करना फायदेमंद होता है।

स्तनों के नीचे के चकत्तों के इलाज़ के घरेलू उपाय...



स्तनों के नीचे के चकत्ते प्राय: नीचे की त्वचा से हमेशा छुये रहने के कारण होते है। जब स्तन लगातर त्वचा को छुये रहती है तो वहाँ पर नमी पैदा हो जाती है। इन दोनों स्तरों के बीच नमी का पैदा होना, बैक्टीरिआ, कवकों और अन्य संक्रमणों को आसानी से पैदा कर देगा। अन्य सामान्य कारण जो स्तनों के नीचे चकत्तों को पैदा करता है उसमें समकालीन कारण है जो यीस्ट संक्रमण /चर्म रोग है और शरीर के किसी भी भाग पर विकसित हो सकता है, लेकिन स्तनों के नीचे प्रमुख लक्ष्य करता है। चकत्तों की समस्या आपकी उम्र के साथ साथ बढ़ती है, अगर गर्भावस्था के दौरान आपके स्तन बड़े है या जब आपके स्तन ढीले पड़ जाते हैं। नीचे दिये गये घरेलू उपाय से आप दर्द और असुविधा से दूर रह सकती हैं जो स्तनों के नीचे के चकत्तों के कारण होती है।
स्तनों के नीचे रैशेस (rashes) कई महिलाओं के लिए समस्या का कारण होते हैं। यह आमतौर पर गर्मियों के समय होता है, जब वातावरण की गर्मी आपके शरीर में पसीने का सृजन करती है। आमतौर पर आपके स्तन आपके पेट से ऊपर होते हैं। आपके स्तनों और त्वचा के निचले हिस्से के बीच के खाली हिस्से में पसीना जमा हो जाता है। पसीने के साथ त्वचा का घर्षण होने पर स्तनों के नीचे रैशेस हो जाते हैं। जिन जगहों पर आपके स्तनों के आसपास चकत्ते हो जाते हैं, वहां बैक्टीरियल या फंगल (bacterial or fungal) पैदावार शुरू हो जाती है। गलत आकार की ब्रा (bra) पहनने से भी स्तनों के नीचे रैशेस पड़ जाते हैं। नीचे इसके लिए कुछ घरेलू नुस्खे दिए गए हैं। त्वचा रोग व उपचार :-

त्वचा रोग का इलाज – नमी को कम करें (Lower the moisture)

डीओड्रेंट की सहायता ले और स्तनों के नीचे के क्षेत्र में नमी का स्तर कम बनाये रखें। डीओड्रेंट को स्तनों के नीचे और सीने के क्षेत्र में, जहाँ वे छुये रहते हैं वहाँ पर उपयोग करें। इस प्रक्रिया द्वारा पसीने को कम करने का अच्छा मौका है और वास्तविकता में चकत्तों को अंदेखा करने में सहायता मिलेगी। आप रूई के टुकड़े को सीने और त्वचा के बीच, नमी को सोखने के क्रम में, रख सकती हैं। अपने आप को नमी से लड़ाई के विरुद्ध ठण्डा रखें, अगर आप यहाँ गर्मी मह्सूस करते है तो पंखा या एयर कण्डिशनर चला लें या अपनी खिड़कियां खोल लें और अपने शरीर तक हवा को पहुंचने दें। गर्म गर्मियों के दिनों में गहरे रंग के और कसे हुए कपड़े ना पहनें, इन्हें हल्के रंग के और ठण्डे कपड़ों से बदल लें। डीह्यूमीडीफायर का प्रयोग हवा से नमी को हटाने में सहायता करेगा।
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