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पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम का घरेलू उपचारों से यूं करें उपचार...


पोलिसिस्‍टिक ओवरी रोग और पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम दोनों ही महिलाओं को प्रजनन के बीच एक सामान्य समस्या बनती जा रही है। यह स्थिति आमतौर पर हार्मोनल कारणों की वजह से जीवनशैली को प्रभावित करती है। पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण जानकर आप भी यह जान सकती हैं कि आप इस बीमारी से ग्रस्त हैं या नहीं। इस बीमारी के लक्षण बाल गिरना, मासिक धर्म में समस्या, भूख कम लगना, बांझपन आदि हैं।
हालांकि पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम की अच्छी बात यह है कि इसका इलाज आसानी से हो सकता है। आप आसानी से घर पर बैठकर इसका इलाज घरेलू उपचारों के मदद से कर सकते हैं। इस घरेलू नुस्खों में फिजिकल एक्सरसाइज (physical exercise) और लाइफस्टाइल के साथ इसका उपचार कर सकती हैं। लेकिन अगर आप पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम के दूसरे स्टेज पर पहुँच गई हो तो ऐसे में आपको हार्मोनल मेडिटेशन (hormonal meditation) की जरूरत पड़ सकती हैं। आप ऐसे में किसी चिकित्सक से इसकी जाँच करवाएँ। लेकिन अगर आप शुरुआती स्टेज पर हो तो ऐसे में आप घरेलू उपचारों की मदद ले सकते हैं। आइए आपको ऐसे ही कुछ घरेलू उपचारों की मदद से पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षणों से दूरी दिलाने में मदद करते हैं। इन उपचारों के साथ ही आपको एक्सरसाइज, बेहतर डाइट और स्वस्थ लाइफस्टाइल आदि को भी अपनाना होगा।

मेथी के बीज से पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम का उपचार (Fenugreek or methi seeds for treating PCOD)

मेथी के बीज से आप अपने इंसूलिन के स्तर को सामान्य कर सकती हैं। ऐसा करने से पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम का इलाज आसानी से हो जाता है। मेथी शरीर में ग्लूकोज टोलरेंस (glucose tolerance) को बढ़ाता है, जिससे हमारे शरीर का वजन कम हो जाता है और पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षणों को भी नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
आप चाहे तो मेथी को पानी मिलाकर उसका सेवन कर सकते हैं, या तो आप सीधे ही इसका सेवन कर सकते हैं। कई लोग मेथी के दानों को पूरी रात भिगोकर रख देते हैं, और फिर सुबह खाली पेट इन बीजों का सेवन कर लें। आप मेथी के पानी को दिन में तीन बार सेवन कर सकते हैं। पहले तो सुबह के समय, फिर दिन के दौरान और तीसरी बार रात के खाने से ठीक 5 मिनट पहले भी आप इसका सेवन कर सकते हैं। मेथी की पत्तियाँ चबाना भी काफी सहायक होता है।
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