मौसम के बदलते ही वायरल की शिकायत आने लगती है, वायरल बुखार एक एक्यूट वायरल संक्रमण है। इसमें संक्रमित विषाणु शरीर में तेजी से फैलते हैं और कुछ ही दिनों में पूरी तरह खत्म भी हो जाते हैं। यह विषाणु संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता है। यह शारीरिक संपर्क से भी फैल सकता है, जैसे कि विषाणु संक्रमित हाथों के जरिये।वायरल बुखारों या वायरल फ्लू के उपचार में सिर्फ बुखार, खांसी और जुकाम के लक्षणों को नियंत्रित करना होता है। ऐसी कोई दवा नहीं है, जो वायरल संक्रमण को ठीक कर सके। मगर, लक्षणों के अनुसार आप पहले ही सतर्क हो सकते है l
वैसे तो वायरल फीवर के लक्षण अन्य आम फीवर के तरह ही होते हैं मगर इसको नजर अंदाज करने पर अवस्था गंभीर हो सकती है। फीवर होने के प्रथम अवस्था में गले में दर्द, थकान, खाँसी आदि होता है। जिसको लोग नजरअंदाज कर देते हैं, और इसी नजर अंदाज के कारण वायरस को पनपने में आसानी होती है।
वायरल फीवर होने पर निम्न लक्षण नजर आते है
थकान, मांसपेशियों बदन में दर्द, तेज बुखार, सर्दी, गले में दर्द, सर दर्द, आँखो में लाली और जलन का अनुभव, खाँसी, जोड़ो में दर्द