सिजेरियन के बाद बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत पड़ती है, और अगर सही से देखभाल न कि गई तो यह आपके लिए ही खतरा बन सकता है। इसलिए जहां तक संभव हो नॉर्मल डिलिवरी ही करवानी चाहिए। इससे आपका शरीर भी ठीक रहता है और आपको कम खतरों का सामना करना पड़ता है।नार्मल डिलिवरी सिजेरियन डिलिवरी से ज्यादा सही होती है। क्योंकि सिजेरियन डिलिवरी करवाने पर स्ट्रैच मार्क्स आते है। साथ ही सिजेरियन डिलिवरी के बाद कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। जबकि नार्मल डिलिवरी में ऐसी कोई भी बड़ी समस्या नहीं आती। इसलिए ज्यादातर गर्भवती महिलाएं सिजेरियन डिलिवरी नहीं, बल्कि नार्मल डिलिवरी करवाना पसंद करती हैं।
कैसे हो नार्मल डिलिवरी
1. शरीर में पानी की कमी से बचें
आपके गर्भाशय में शिशु एक तरल पदार्थ से भरी हुई झोली एमनियोटिक फ्लयूड में रहता है। जिससे बच्चे को ऊर्जा मिलती है। इसलिए आपके लिए रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पीना बहुत जरुरी है। इससे आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होती।
 
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