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इन-विट्रो फर्टीलाइजेशन (‘आईवीएफ’ ) के बारे में विस्तिृत जानकारी....


इन-विट्रो फर्टीलाइजेशन को ही ‘आईवीएफ’ या कृत्रिम गर्भाधान के नाम से जाना जाता है इन विट्रो फर्टीलाइजेशन आईवीएफ तकनीक दरअसल उन महिलाओं के लिए उपयोग में लाई जाती हैं जिनको सामान्यतौर पर मां बनने में दिक्कतें आ रही हो।
इस लेख में हम आपको इन-विट्रो फर्टीलाइजेशन के बारे में विस्तिृत जानकारी दे रहे हैं।

 
दरअसल जिन महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब खराब हो जाती है वे मां बनने में अक्षम होती हैं । ऐसे में आईवीएफ प्रजनन के माध्यम से उनको मां बनने में मदद की जाती हैं। अर्थात इन विट्रो फर्टीलाइजेशन (आईवीएफ) एक तकनीक है जिसमें महिलाओं मे कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है। इस प्रकिया मे महिला के अंडाशय से अंडे को अलग कर उसका निषेचन शुक्राणुओं से कराया जाता है। जिसके बाद अंडे को महिला के गर्भाशय मे रख दिया जाता है। दुनिया के सबसे पहले आईवीएफ शिशु लुइस ब्राउन का जन्म 25 जुलाई, 1978 को ब्रिटेन में हुआ था। भारत की पहली आईवीएफ शिशु दुर्गा का जन्म भी इसी साल तीन अक्टूबर को हुआ।
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