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वैलेंटाइन्स डे स्पेशल :बेहद रोमांटिक है अनिल कपूर की प्रेम कहानी...

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यूं तो बॉलीवुड में सितारों की प्रेम कहानियां भरी पड़ी हैं। रूपहले पर्दे पर ही नहीं, बॉलीवुड हस्तियां अपनी निजी जिंदगियों में भी उतनी ही रोमांटिक होती हैं। लेकिन इन सब के बावजूद अभिनेता अनिल कपूर की प्रेम कहानी बेहद दिलचस्प है।
1980 के दशक में अनिल कपूर एक संघर्षशील अभिनेता थे। रोज-रोज ऑडिशन के लिए जाया करते थे। उन्हीं दिनों एक लड़की की महज झलक भर उन्हें दिखी। उस एक झलक में अनिल कपूर दिल हार बैठे।
लेकिन जब उस लड़की के बारे में जानकारी जुटाना शुरू की तो पता चला कि वह तो एक सफल मॉडल है। उस तक पहुंचना दूर उन्हें उस मॉडल को दोबारा देखने के ‌लिए भी मशक्कत करनी पड़ेगी।
पर अनिल से नहीं रहा गया। उन्होंने अपने कुछ ऐसे दोस्तों को दिल का हाल सुनाया जो उस लड़की के थोड़े-बहुत करीब थे। अनिल चाहते थे उनके दोस्त लड़की से मिलवाएं। लेकिन दोस्त ऐसा नहीं कर पाए। हां, दोस्तों ने एक काम किया कि कहीं से उस लड़की का टेलीफोन नंबर अनिल को दे दिया।
फिर क्या था, जैसा कई फिल्मों में दिखता है अनिल अपनी प्रेमिकाओं को फोन पर लुभाते दिखते हैं, उन्होंने खुद की निजी जिंदगी में भी वैसे ही किया था। वह उस मॉडल से फोन पर बातचीत शुरू कर दी।
उन दिनों अनिल कपूर के अजीज दोस्तों में रहे गुलशन ग्रोवर बताते हैं ‌कि अनिल फोन पर ही अपना सबकुछ हार बैठे थे। लेकिन दुविधा ये कि वह लड़की से मिलने को नहीं सोच रहे थे, क्यों? क्योंकि सच में उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि एक लड़की को डेट पर ले जा सकें।पर अनिल से नहीं रहा गया। उन्होंने अपने कुछ ऐसे दोस्तों को दिल का हाल सुनाया जो उस लड़की के थोड़े-बहुत करीब थे। अनिल चाहते थे उनके दोस्त लड़की से मिलवाएं। लेकिन दोस्त ऐसा नहीं कर पाए। हां, दोस्तों ने एक काम किया कि कहीं से उस लड़की का टेलीफोन नंबर अनिल को दे दिया।

प्रेमिका ने खुद ही उठाया खर्च

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फोन पर बात करने के दौरान उस समय की सफल मॉडल सुनीता बंबानी ने खुद ही एक दिन अनिल कपूर से मिलने का प्रस्ताव रख दिया। अब अनिल क्या करें? यूटीवी स्टार के एक रिआलिटी शो के दौरान खुद ही अनिल कपूर ने बताया, 'सुनीता ने पूछ किया, पूछा कितनी देर में पहुंच जाओगे। मैंने कहा दो घंटे में। क्यों, दो घंटे क्यों? मैंने कहा, मैं बस से आऊंगा तो इतना वक्त तो लगेगा ही। उन्होंने कहा बस क्यों आ रहे हो, मैंने उन्हें साफ बताया मेरे पास उतने ही पैसे हैं।'

इसके बाद सुनीता ने बेहद चौंकाने वाला जवाब दिया। गुलशन ग्रोवर बताते हैं कि इतना सुनने के बाद आमतौर पर तब लड़कियां-लड़कों को छोड़ देती थीं। लेकिन सुनीता ने अनिल कहा, 'आप कैब कर लो, मैं यहां उन्हें पैसे दे दूंगी।' यह सुनकर अनिल का दिलभर आया।

हालांकि इसके बाद कई बार ऐसा हुआ जब अनिल को सुनीता से पैसे लेने पड़े। तब इसके बदले में वह सुनीता को अभिनय कर के दिखाया करते थे, जैसा कि उन्होंने खुद ही बताया।

लेकिन इन सब का नतीजा ये हुआ कि अनिल की पैसे कमाने की भूख और बढ़ गई। वह जल्दी से जल्दी से कामयाब अभिनेता बनाना चाहते थे कि ताकि वह सुनीता के बरक्स खड़े हो सकें और उनके सामने शादी का प्रस्ताव रख सकें।

बोनी कपूर बताते हैं कि उन दिनों अनिल की पैसे कमाने की भूख इतनी बढ़ गई थी वह रमेश सिप्पी-जीपी सिप्पी की एक फिल्म एहसास का ऑडिशन देने अपने छाती के सारे बाल साफ करके पहुंचे थे।

दोस्तों ने शादी न करने की दी थी सलाह

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अनिल कपूर फिल्मों में जगह बनाने के ‌लिए खूब मेहनत कर रहे थे। धीरे-धीरे से ही सही पर अनिल को भी फिल्में मिलना शुरू हो गईं थी। साल 1984 में आई फिल्म 'मशाल' ने उन्हें वो रुतबा दिया जिसका उन्हें इंतजार था।

इस फिल्म से अनिल उस स्तर पर पहुंच गए जहां से वह सुनीता के सामने शादी का प्रस्ताव रख सकें। फिर क्या, उन्होंने वही किया, सुनीता से दिल की बात बता दी और शादी के लिए पूछ लिया। सुनीता ने सोचने के लिए थोड़ा सा वक्त मांगा।

अनिल को लगा शायद उन्होंने जल्दी कर दी अभी एक ही फिल्म तो चली है और आमतौर पर माना जाता है कि आदमी का असली बॉलीवुड कैरियर उनकी दूसरी फिल्म से शुरू होता है। लेकिन अनिल को उस दिन अचंभा हुआ जब सुनीता ने फोन कर के उनका प्रस्ताव स्वीकार लेने की बात की।

फिर तो अनिल के मन में शादी के लड्डू फूटने लगे। उन्होंने शादी के लिए एक तारीख भी पक्की ली। लेकिन इस बार सामने फिल्म इंडस्ट्री के लोग। इंडस्ट्री के दोस्तों का कहना था‌ कि अगर अनिल ने अभी शादी की तो उनका कैरियर समाप्त हो जाएगा।

ये बात इतनी बढ़ गई कि आखिरकार दिल पर पत्‍थर रखकर अनिल को अपनी शादी रोकनी पड़ी। लेकिन उनका मन नहीं मान रहा था। बोनी बताते हैं कि वो लगातार परिवार और दोस्तों को समझाते थे कि शादी से उनपर कोई असर नहीं पड़ेगा। उधर, सुनीता भी तब असुरक्षित महसूस करने लगी थीं जब अनिल ने दोबारा शादी की तारीख रखने बाद फिर से उसे आगे बढ़ाने की बात कही।

फिर कब की अनिल कपूर ने शादी?

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अनिल कपूर खुद ही बताते हैं कि उनकी शादी से उनके परिवार वालों को कभी आपत्ति नहीं थी, लेकिन अनिल के बॉलीवुड के दोस्तों को आपत्ति थी। लेकिन दो बार शादी की तारीख टालने के बाद सुनीता ने भी साफ कर दिया कि अब आगे ऐसे नहीं चलेगा। फिर ठंडे दिमाग से सोचने के बाद अनिल ने तय ही कर लिया, 19 मई, 1984 को अनिल और सुनीता एक दूजे के हो गए।

सुनीता पहले ही अनिल को संवारने में लगी हुई थी। अनिल बताते हैं ‌कि सुनीता न होती तो वो आज इस मकाम पर नहीं होते। सुनीता ने इसका परिचय शादी के ठीक बाद भी दिया। शादी के बाद सुनीता ने अनिल के करियर को ही अपना करियर मान लिया। उन्होंने मॉडलिंग छोड़कर घर संभाला और अनिल को खुला आसमान दिया कि वह किसी निरर्थक सोच में पड़ने के बजाय अपने कैरियर के बारे में सोचें।

वह अनिल कपूर के लिए ड्रेस डिजाइन करने से लेकर उनके साथ शूटिंग पर विदेश तक जाती थीं। यहां तक कि फिल्मों करियर के दौरान कई बार अनिल का नाम माधुरी दीक्षित के साथ जोड़ा गया, लेकिन सुनीता ने हमेशा इसे अफवाह मानकर टाल दिया। आज दोनों बेहद सफल दांपत्य जीवन जी रहे हैं। उनके तीनों बच्चे, सोनम कपूर, रिया कपूर, हर्षवर्धन कपूर अभिनय के क्षेत्र में हैं। खुद अनिल भी उतने ही स‌क्रिय हैं।


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