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जानें अस्‍थमा रोगी मानसून में कैसे रखें अपना खयाल...



अस्थमा जैसी बीमारी होने का अर्थ यह नहीं कि आप जिंदगी के मज़े नहीं ले सकते। बस थोड़ी सी सावधानी बरतकर आप हर मौसम और व्यंजन का मज़ा ले सकते हैं। हालांकि अस्थमा के मरीज़ों को हर मौसम में खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है, लेकिन बारिश में उन्हें अधिक सुरक्षा चाहिए होती है।वातावरण में मौजूद नमी और तापमान अस्थमा के मरीज़ों को कई प्रकार से प्रभवित करता है। ऐसे में तैराकी एक अच्छा़ व्यायाम बताया जाता है क्योंकि इससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।
बरसात के मौसम के आने के साथ ही अस्थमैटिक्स की मुसीबत भी बढ़ जाती है, ऐसे में उन्हें नमी वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए या ऐसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए जहां पर काई जमी हो। धूल मिट्टी वाली जगहों से दूर रहने का हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। अस्थमा के मरीज़ों के लिए आहार की कोई बाध्यता नहीं है, लेकिन अगर उन्हें किसी प्रकार के खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो तो सावधानी बरतनी चाहिए। अपनी प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए वो विटामिन्स और फलों का सेवन कर सकते हैं । अगर ऐसे मौसम में आपका बाहर जाना आवश्यक है तो आप अपनी दवाएं ज़रूर साथ में रखें।

अस्थमा अटैक के कुछ सामान्य लक्षण
  • सांस लेने में समस्या होना।
  • बच्चों में होने वाली खांसी भी समस्या बढ़ा सकती है।
  • बुखार के साथ थकान का होना।
  • सीने में जकड़न महसूस होना ।
कम उम्र होने की वजह से उसे प्रतिदिन सावधानियां बरतनी पड़ती है। बच्चों में अस्थमा की स्थितियां कभी-कभी उनके सामान्य कार्यक्रम को भी प्रभावित करती है। ऐसे में अभिभावक को बच्चे पर बिना रोक लगाये उसे यह समझाने की कोशिश करनी चाहिए कि उसे कैसे सावधानी बरतनी है।
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