भारत में आज चार करोड़ से ज्यादा लोग हेपेटाइटिस वायरस के शिकार हैं। हेपेटाइटिस हर साल हमारे देश में 1000 लोगों की जान ले लेती है। इस बीमारी और इसके संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी उपचार मौजूद हैं, लेकिन फिर भी लोग इसका शिकार बनते जा रहे हैं। इसके पीछे वजह है अज्ञानता और गंभीर बीमारी की भयावहता को समझने में हमारी विफलता। इसी के चलते हेपेटाइटिस का राक्षस लगातार विकराल रूप धारण किये जा रहा है।
अगर आम बोलचाल की भाषा का जिक्र करें तो हेपेटाइटिस लिवर में होने वाली सूजन का नाम है। चिकित्सीय भाषा में ऐसी सूजन के सामान्य कारणों में हेपेटाइटिस वायरस ए,बी,सी,डी और ई को दोषी माना जाता है, जो यकृत पर हमला कर उसकी कोशिकाओं को खत्म कर देते हैं।
हेपेटाइटिस लिवर में सूजन का एक प्रकार है। यह परिस्थिति यहीं तक सीमित रह सकती है या फिर गंभीर रूप धरण कर फिब्रोसिस अथवा लिवर कैंसर तक का रूप ले सकती है। हेपेटाइटिस वायरस, हेपेटाइटिस होने का सबसे बड़ा कारण होता है। लेकिन इसके साथ ही अल्कोहल और कुछ विषैली दवायें तथा ऑटोइम्यून डिजीज के कारण भी यह बीमारी हो सकती है।
आगे पढ़े कितने प्रकार का होता है हेपेटाइटिस
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