ब्रेस्ट कैंसर का उपचार आमतौर से सर्जरी का प्रकार निर्धारित करने के साथ शुरू होता है। पूरा स्तन निकलवाने (मास्टेक्टॉंमी) या केवल कैंसरयुक्त लम्प और इसके आसपास के स्वस्थ टिश्युओं की कुछ मात्रा निकलवाने (लम्पेमक्टामी) के दो विकल्प हैं।
सर्जरी के बाद आपके डॉक्टर रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल थेरेपी या इन थेरेपीज के मिले-जुले उपचार की सिफारिश कर सकते हैं। अतिरिक्त थेरेपी कराने से कैंसर के फिर से होने या फैलने का खतरा घट जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

ब्रेस्ट में दर्द या गांठ ज़रा-सा भी महसूस हो तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कभी-कभी ये भी होता है गांठ में दर्द न हो, लेकिन छूने पर ये महसूस होता है। स्तनों में पड़ने वाली गांठ को मेमोग्राफी के ज़रिए पता किया जा सकता है। इससे ब्रेस्ट कैंसर का भी पता लगाया जा सकता है और मेमोग्राफी कराने में ज्य़ादा पैसे भी नहीं लगते।
30 से 35 साल की महिला को एक बार मेमोग्राफी ज़रूर करानी चाहिए। ब्रेस्ट में गांठ और समय के साथ इसका आकार बढ़ना, ब्रेस्ट का असामान्य तरीके से बढ़ना, बगल में सूजन आना, निप्पल का लाल पड़ना या उनसे खून आना, यदि आपके स्तन में कोई उभार या असामान्य मोटाई लगे तो तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।
Like Our Facebook Fan Page
Subscribe For Free Email Updates
