जिंदा रहने के लिए सांसो का चलना ज़रूरी है. सांसो पर ही जीवन टीका हुआ है. नाक के ज़रिए ऑक्सिजन फेफड़ो तक जाती है और कॉर्बेन-दिए-ऑक्साइड के रूप मे नाक से निकलती है. ये एक स्वाभाविक प्रक्रिया है.
लेकिन इस नॅचुरल प्रोसेस मे जब सांसो की गति बढ़ने लगती है और इंसान को बेचैनी होने लगती है तब इसे दमा रोग खा जाता है. दमा एक दंगेरिौस रोग है जिसका टाइम रहते बचाव करना ज़रूरी है नही तो इस रोग से जान को भी ख़तरा हो सकता है.
DAMA ROG HONE KA MAIN REASON
Asthma (Dama) का अटॅक आने के बहुत सारे रीज़न्स मे एर पोल्यूशन भी एक मैं रीज़न है. दमा के अटॅक के दौरान वायु मार्ग के आस पास के मुसल्स मे कसाव और वायु मार्ग मे सूजन आ जाता है. दमा रोगी को सान लेने से ज़्यादा साँस छ्चोड़ने मे मुश्किल होती है. एलेरगी के कारण गले मे बलगाम पैदा हो जाता है जो कष्ट को और भी बड़ा देता है. एलेरगी के अलावा भी दमा होने के बहुत से कार्नो मे से कुच्छ इस प्रकार है.
- Ghar ke dhool bara environment
- Ghar ke paltu Janwar
- Bahar ka air pollution
- Perfumed cosmetics
- Sardi, flu, bronchitis aur sinusitis ka sankraman
- Smoking
- Jyada Sharab peena
- Tanav ya dar ke karan
- Junk Food khane ke karan
- Jyada namak khane ke karan
- Heredity ke karan.