भारतीय वेदों और प्राचीन हस्तलेखों में भी धातुकर्म, बीजगणित, खगोल विज्ञान, गणित, वास्तुकला एवं ज्योतिष शास्त्र के बारे में सूचना थी और यह जानकारी उस वक्त से थी, जब पश्चिमी देशों को इनके बारे में पता तक नहीं था.
हम ज्ञान-विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, रसायन, भौतिक और खगोल के क्षेत्र में विश्व में सबसे आगे थे. विश्व के कई देश आज भी हमारे वेदों और ग्रंथों को पढ़ते हैं.
आज हम आपको ऐसे ही कुछ तथ्यों के बारे में बता रहे हैं जिनसे साबित होता है कि चिकित्सा विज्ञान में प्राचीन भारत का कोई सानी नहीं था.
1. भारत दुनिया का आध्यात्मिक गुरू रहा है. माना जाता है गरुण पुराण में इतनी शक्ति है कि ये मृत शरीर में भी प्राण का संचार कर सकता है. यही करण है कि इसे संजीवनी विद्या के नाम से भी पहचाना जाता है. भारतीय आयुर्वेद की प्रणाली बेहद प्राचीन है, जिसका प्रमाण हमें धर्मग्रंथों में मिलता है.